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सीएम मोहन यादव के काफिले में 'सुरक्षा चूक': डीजल में मिला पानी, 19 गाड़ियाँ हुईं बंद band Aajtak24 News |
रतलाम/मध्य प्रदेश - मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के काफिले में एक बड़ी सुरक्षा चूक और प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है। गुरुवार रात रतलाम में एक पेट्रोल पंप से डीज़ल भरवाने के बाद मुख्यमंत्री के काफिले की 19 गाड़ियाँ अचानक एक के बाद एक बंद हो गईं। जाँच में पता चला कि गाड़ियों के डीज़ल टैंक में भारी मात्रा में पानी मिला हुआ था, जिससे इंजन ने काम करना बंद कर दिया। इस घटना से हड़कंप मच गया और तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने संबंधित पेट्रोल पंप को सील कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रीजनल इंडस्ट्री, स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट कॉन्क्लेव (RISE) में शामिल होने के लिए रतलाम जा रहे थे. रात करीब 10 बजे, उनके काफिले की गाड़ियाँ रतलाम शहर के डोसीगांव स्थित भारत पेट्रोलियम के 'शक्ति फ्यूल्स' पेट्रोल पंप पर डीज़ल भरवाने के लिए रुकीं. प्रत्येक गाड़ी में लगभग 20 लीटर डीज़ल भरा गया. डीज़ल भरवाने के कुछ ही देर बाद, गाड़ियाँ धीरे-धीरे बंद होने लगीं. उन्हें धक्का लगाकर सड़क किनारे खड़ा करना पड़ा, जिससे काफिले की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए.
डीज़ल में मिला 50% पानी
सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी आनंद गोरे और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुँचे। जब गाड़ियों के टैंक की जाँच की गई, तो पता चला कि भरे गए 20 लीटर डीज़ल में से लगभग 10 लीटर पानी था। यह स्थिति लगभग सभी 19 गाड़ियों में पाई गई। इस घटना से पेट्रोल पंप की विश्वसनीयता पर बड़ा सवालिया निशान लग गया है। इसी पंप से डीज़ल भरवाने वाले एक ट्रक ड्राइवर की गाड़ी भी थोड़ी दूर जाकर बंद हो गई थी, जिसने 200 लीटर डीज़ल भरवाया था।
तुरंत कार्रवाई: पेट्रोल पंप सील, इंदौर से मंगवाई गईं नई गाड़ियाँ
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने रात में ही शक्ति फ्यूल्स पेट्रोल पंप को सील कर दिया। भारत पेट्रोलियम के एरिया मैनेजर श्रीधर ने आशंका जताई है कि बारिश के कारण पेट्रोल टैंक में पानी का रिसाव हुआ होगा। सीएम के कार्यक्रम में कोई बाधा न आए, इसके लिए प्रशासन ने तुरंत इंदौर से नई गाड़ियों की व्यवस्था की और उन्हें रतलाम के लिए रवाना किया। मुख्यमंत्री के काफिले की सुरक्षा के लिए यह एक बड़ा कदम था। यह घटना दिखाती है कि वीआईपी मूवमेंट के दौरान भी अगर सुरक्षा के बुनियादी पहलुओं पर ध्यान न दिया जाए, तो कितनी बड़ी चूक हो सकती है. पुलिस ने गुरुवार को ही सीएम के काफिले का ट्रायल किया था, लेकिन इस तरह की तकनीकी खामी की आशंका नहीं थी।