राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर काल का ग्रास बना कलवारी मोड़, भीषण हादसे में 3 की मौत, मासूम बच्ची मौत से लड़ रही rahi Aajtak24 News


राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर काल का ग्रास बना कलवारी मोड़, भीषण हादसे में 3 की मौत, मासूम बच्ची मौत से लड़ रही rahi Aajtak24 News

रीवा/मध्य प्रदेश - रीवा जिले के गढ़ थाना अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर स्थित कुख्यात कलवारी मोड़ एक बार फिर रक्तपात का गवाह बना। रविवार दोपहर करीब 2:30 बजे एक तेज रफ्तार ट्रक और मोटरसाइकिल के बीच हुई भीषण टक्कर में तीन लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक 8 वर्षीय मासूम बच्ची गंभीर रूप से घायल है। इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या हुआ? प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, रविवार दोपहर बाइक (क्रमांक MP17 MQ 7816) पर सवार चार लोग कलवारी मोड़ से गुजर रहे थे, तभी सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक (क्रमांक NL01 AF 2590) ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक ट्रक में फंसकर दूर तक घिसटती चली गई। टक्कर की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग सहम गए।

हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत गढ़ थाना पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और 108 एंबुलेंस और डायल 100 की मदद से घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा। हालांकि, तीन लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था।

मृतकों की शिनाख्त और घायल बच्ची की स्थिति

पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक शिनाख्त के अनुसार, मृतकों में दो युवक और एक बच्ची शामिल हैं, जो एक ही गाँव के रहने वाले थे। मृतकों की पहचान रवेंद्र साकेत उर्फ भोला साकेत (पिता सिपाही साकेत, लोरी नंबर-2), सूरज गिरी (पिता राजकिशोर गिरी, उम्र 26 वर्ष, लोरी नंबर-2), और अंजना साकेत (पिता गुलाब साकेत, उम्र 8 वर्ष, लोरी नंबर-2) के रूप में हुई है।

इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई एक और बच्ची को तुरंत रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया है, जहाँ उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है और डॉक्टर उसकी जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

कलवारी मोड़: 'मौत का मोड़' और प्रशासनिक चुप्पी

यह कोई पहला मौका नहीं है, जब कलवारी मोड़ पर कोई बड़ा हादसा हुआ है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि यह मोड़ लंबे समय से 'दुर्घटना संभावित क्षेत्र' के रूप में जाना जाता है। कई बार स्थानीय लोगों ने प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस जगह पर स्पीड ब्रेकर, चेतावनी बोर्ड और अन्य सुरक्षा उपाय लगाने की मांग की है, लेकिन उनकी शिकायतों को लगातार अनसुना किया गया है।

एक स्थानीय निवासी ने कहा, "यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है, यह प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। क्या हमें और जिंदगियां गंवानी होंगी, तब जाकर प्रशासन की नींद खुलेगी?" यह सवाल अब पूरे विंध्य क्षेत्र में गूंज रहा है।

एक ही परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

इस हादसे से लोरी नंबर-2 गाँव में मातम पसरा हुआ है। एक ही परिवार के कई सदस्यों की मौत और मासूम बच्ची के जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष ने पूरे गाँव को सदमे में डाल दिया है।

यह खबर प्रारंभिक जानकारी पर आधारित है और पुलिस द्वारा विस्तृत जांच के बाद अंतिम पुष्टि की जाएगी। यह घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा नियमों को लेकर समाज और प्रशासन दोनों को आत्मनिरीक्षण करने पर मजबूर करती है।


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