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ओडिशा में मानवता शर्मसार: गोपालपुर बीच पर कॉलेज छात्रा से 10 दरिंदों का गैंगरेप, नाबालिग आरोपियों पर भी चलेगा वयस्कों की तरह मुकदमा mukadma Aajtak24 News |
नई दिल्ली - ओडिशा के गंजम जिले के मशहूर गोपालपुर समुद्र तट पर रविवार रात हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। एक 20 वर्षीय निजी कॉलेज की छात्रा अपने पुरुष मित्र के साथ घूमने आई थी, तभी 10 लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर उसका सामूहिक बलात्कार किया। इस जघन्य अपराध में चार नाबालिग भी शामिल हैं, जिनकी उम्र उन्हें इस घिनौने कृत्य की सजा से बचा नहीं पाएगी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, और नाबालिग आरोपियों पर भी किशोर न्याय बोर्ड की अनुमति से वयस्कों की तरह मुकदमा चलाने की तैयारी चल रही है।
तीन मोटरसाइकिलों पर सवार होकर पहुंचे थे दरिंदे: पुलिस के अनुसार, यह शर्मनाक घटना रविवार रात करीब 9:30 बजे घटी। पीड़िता अपने एक सहपाठी मित्र के साथ गोपालपुर बीच के एक सुनसान इलाके में टहल रही थी। तभी तीन मोटरसाइकिलों पर सवार 10 युवकों का एक समूह वहां पहुंचा। इन दरिंदों ने पहुंचते ही जोड़े की तस्वीरें खींचनी शुरू कर दी और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी। इसके बाद उन्होंने पीड़िता के मित्र पर बेरहमी से हमला किया और उसे रस्सी से बांध दिया। असहाय छोड़कर, वे पीड़िता को जबरन पास के एक बंद पड़े घर में ले गए, जहां उन्होंने बारी-बारी से उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इस भयावह घटना के बाद पीड़िता और उसके मित्र ने हिम्मत दिखाते हुए रात करीब 11 बजे गोपालपुर पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज कराई।
तत्काल कार्रवाई, सभी 10 आरोपी गिरफ्तार: बर्हामपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) विवेक सरवाना ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने बताया, "शिकायत मिलते ही हमने तुरंत अपनी टीमें गठित की और छापेमारी शुरू कर दी। शुरुआती दौर में सात संदिग्धों को हिरासत में लिया गया, और गहन पूछताछ के बाद बाकी तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। ये सभी आरोपी गंजाम के हिंजिलीकट क्षेत्र के रहने वाले हैं।" पुलिस ने इस घृणित अपराध के लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें धारा 70(1) (सामूहिक बलात्कार), 296 (अश्लील कृत्य), 351(3) (गंभीर धमकी), और 310(2) (आपराधिक संगठन) शामिल हैं।
नाबालिग आरोपियों पर भी चलेगा वयस्कों की तरह मुकदमा: इस मामले में चार नाबालिग आरोपी भी शामिल हैं, जिनकी उम्र 17 वर्ष बताई जा रही है। पुलिस ने किशोर न्याय बोर्ड (JJB) के समक्ष एक विशेष अनुरोध किया है कि इन नाबालिग आरोपियों पर भी वयस्कों की तरह मुकदमा चलाया जाए, क्योंकि उनके द्वारा किया गया अपराध अत्यंत जघन्य और मानवता को शर्मसार करने वाला है। पुलिस का तर्क है कि इस प्रकार के गंभीर अपराधों में नाबालिगों को किशोर न्याय प्रणाली के तहत हल्की सजा मिलना न्यायोचित नहीं होगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान, मांगी रिपोर्ट: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने इस सनसनीखेज मामले का स्वतः संज्ञान लिया है और इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। NCW की अध्यक्ष विजया राहटकर ने ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (DGP) वाई.बी. खुरानिया को तत्काल एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने, सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़िता को मुफ्त चिकित्सा एवं मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने की मांग की है। आयोग ने DGP से तीन दिनों के भीतर इस मामले में की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है। इसके साथ ही, NCW ने पीड़िता को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 396 के तहत उचित मुआवजा प्रदान करने का भी निर्देश दिया है, ताकि उसे इस traumatic अनुभव से उबरने में कुछ सहायता मिल सके।
यह घटना ओडिशा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है और समाज में इस प्रकार की आपराधिक मानसिकता के खिलाफ কঠোর कार्रवाई की आवश्यकता को दर्शाती है। पुलिस और प्रशासन अब इस मामले में तेजी से कार्रवाई कर रहे हैं, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके।