![]() |
गुजरात में मूसलाधार बारिश का तांडव: 18 लोगों की मौत, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मुख्यमंत्री ने की उच्च-स्तरीय बैठक bhaithak Aajtak24 News |
गांधीनगर - गुजरात इस समय मूसलाधार बारिश के विकराल रूप का सामना कर रहा है, जिसने पूरे राज्य में कहर बरपा रखा है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और वर्षा संबंधी विभिन्न घटनाओं में अब तक कम से कम 18 लोगों की दुखद मौत हो चुकी है। राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कदम उठाए हैं। एहतियात के तौर पर कई जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थानों, विशेषकर स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल एक उच्च-स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों के साथ सीधा संवाद किया और वर्तमान स्थिति का गहनता से जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जान-माल के नुकसान को न्यूनतम करने के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि प्रभावितों तक हर संभव सहायता तत्काल पहुंचाई जा सके।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) गांधीनगर में राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अरब सागर में विकसित हुए कम दबाव के क्षेत्र के कारण अगले दो दिनों में गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में और अधिक भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि अब तक सबसे अधिक बारिश बोटाद जिले के बरवाला तालुका में दर्ज की गई है, जिसके बाद सुरेंद्रनगर जिले का सायला तालुका भी अत्यधिक वर्षा से प्रभावित हुआ है।
व्यापक बचाव और राहत अभियान:
पूरे राज्य में बचाव और राहत कार्य पूरी मुस्तैदी से चलाए जा रहे हैं। भावनगर जिले में भारी बारिश के कारण कई इलाकों में पानी भर गया, जिससे बड़ी संख्या में लोग पानी में फंस गए। स्थानीय आपदा टीमों, तालुका प्रशासन की अग्निशमन इकाइयों, नगर निगम और नगर तालाब की अग्निशमन टीमों ने अथक परिश्रम करते हुए इन फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उमराला के गोलरामा से 20 लोगों को, वल्लभीपुर के चमारी से 14 लोगों को, वल्लभीपुर शहर से 2 लोगों को, सीहोर के डंभालिया-पालडी रोड के पास फंसे 9 लोगों को और मंगराला से 4 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया गया। इसके अतिरिक्त, सीहोर के पालडी डंभालिया रोड पर रात को हुई भारी बारिश से 49 लोग प्रभावित हुए, जिनमें से 40 लोग खुद ही सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए, जबकि 9 लोगों को भावनगर नगर निगम टीम और NDRF टीम ने बचाया।
राहत आयुक्त पांडे ने बताया कि NDRF की कुल 12 टीमों को राज्य के विभिन्न संवेदनशील जिलों में भेजा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके और आपदा के समय उन्हें बचाया जा सके। इसके अलावा, राज्य के 20 जिलों में SDRF की टीमें भी पहले से ही तैनात कर दी गई हैं। उन्होंने यह भी दुख व्यक्त किया कि लंबे समय से हो रही बारिश के दौरान बिजली गिरने, तूफान आने और अन्य संबंधित कारणों से राज्य में 18 नागरिकों की दुखद मौत हुई है। भारी वर्षा के कारण कच्चे और पक्के दोनों तरह के मकानों को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग का रेड और ऑरेंज अलर्ट:
मौसम विभाग ने गुजरात के लिए एक व्यापक रेड अलर्ट जारी किया है, जो आने वाले घंटों में अत्यधिक भारी वर्षा की आशंका को दर्शाता है। विशेष रूप से, मेहसाणा, अरावली, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, नवसारी, वलसाड, राजकोट और जामनगर जैसे जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे घरों के अंदर रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें, पेड़ों के नीचे वाहन खड़ा न करें और शीशे वाली जगहों से दूर रहें, ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके।
प्रभावित क्षेत्रों में गंभीर हालात:
राज्य के कई इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। हलवद में भारी बारिश के कारण कोज वे (Causeway) पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे हलवद से रणमलपुर जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। खारी नदी में भी बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, और आसपास के निचले इलाकों में पानी भर गया है। इसी प्रकार, मोरबी के मच्छु-3 डेम के तीन गेट 5 फीट तक खोल दिए गए हैं, क्योंकि भारी बारिश के कारण डेम में पानी की आवक अत्यधिक बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप, तटीय इलाकों के 21 गांवों को अलर्ट पर रखा गया है और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
राहत आयुक्त आलोक पांडे ने विशेष रूप से बताया कि बोटाद, अमरेली, सुरेंद्रनगर और भावनगर जिलों में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। बोटाद जिले के खंभाडा डेम के गेट भी मंगलवार को खोल दिए गए, जिससे गढड़ा रोड को बंद करना पड़ा। कई शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी भारी जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक बार फिर सभी जिलाधिकारियों से बात की और उन्हें निर्देश दिए कि वे पूरी मुस्तैदी से काम करें और सुनिश्चित करें कि जान-माल का कोई और नुकसान न हो। राज्य सरकार ने प्रत्येक जिले को पोस्टमार्टम और राहत कार्यों के लिए तत्काल अनुदान देने की भी घोषणा की है।
NDRF और SDRF की टीमें सभी प्रभावित जिलों में तैनात हैं और लगातार बचाव कार्य कर रही हैं। प्रभावित क्षेत्रों से लोगों और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे गुजरात के लिए बेहद अहम हैं, क्योंकि कई क्षेत्रों में 20 सेमी से अधिक वर्षा होने की संभावना है। राज्य सरकार और प्रशासन किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं और स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं।