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रीवा में रिश्तों का खून: दो फीट जमीन के लिए सगे भाई ने किया हमला, पिता-पुत्र गंभीर घायल; गांव में तनाव tanav Aajtak24 News |
रीवा - रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली एक घटना में, रीवा जिले के थाना गढ़ अंतर्गत ग्राम जमुई में 21 मई, 2025 की शाम को महज दो फीट जमीन के टुकड़े को लेकर हुए विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। इस भीषण मारपीट में छोटे भाई नीरज पटेल (उम्र 21 वर्ष) और उनके पिता मूल महेश पटेल गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। दोनों की हालत नाजुक होने के कारण उन्हें तत्काल संजय गांधी अस्पताल, रीवा रेफर किया गया है। इस घटना से गांव जमुई में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, जिसके मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
मामूली विवाद ने लिया विकराल रूप
पीड़ित नीरज पटेल ने पुलिस को बताया कि उनका अपने बड़े पिता से लंबे समय से भूमि को लेकर विवाद चल रहा था। 21 मई की शाम लगभग 5:30 बजे, यह विवाद इस कदर बढ़ गया कि बड़े भाई दलप्रताप पटेल, भतीजा अमित पटेल और भाभी शशिकला पटेल ने मिलकर उन पर अचानक हमला कर दिया। नीरज के अनुसार, वह उस समय मेल-मिलाप कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन विपक्षी पक्ष ने बिना किसी उकसावे के उन पर लाठी-डंडों से हमला बोल दिया।
इस बर्बर मारपीट में नीरज के पिता मूल महेश पटेल और उनके बेटे भी बीच-बचाव करने पहुंचे, लेकिन वे भी हमले की चपेट में आ गए। मूल महेश पटेल के सिर में गंभीर चोटें आई हैं, जिसकी वजह से उन्हें लगातार उल्टी और चक्कर आ रहे हैं।
पुलिस और स्वास्थ्य सेवाओं पर लापरवाही का आरोप
घटना के तुरंत बाद थाना गढ़ पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस ने घायल पिता-पुत्र को प्राथमिक उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगेव भेजा। हालांकि, दोनों की गंभीर हालत और सिर में लगी चोटों की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें तत्काल संजय गांधी अस्पताल, रीवा रेफर करने का निर्णय लिया। घायल परिवार ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यदि उन्हें समय पर एंबुलेंस और पुलिस सहायता मिल जाती, तो शायद उनकी हालत इतनी गंभीर नहीं होती और हालात को नियंत्रण में रखा जा सकता था।
मामला दर्ज, गांव में पुलिस बल तैनात
पीड़ित पक्ष ने थाना गढ़ में हमलावरों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करा दी है। फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना की विस्तृत जांच कर रही है। गांव जमुई में इस घटना के बाद से ही तनाव का माहौल बना हुआ है, जिसे देखते हुए किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा भी पारिवारिक रिश्तों को तार-तार कर सकता है और हिंसा को जन्म दे सकता है। पुलिस का मुख्य लक्ष्य अब शांति बनाए रखने के साथ-साथ आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कानून के कटघरे में खड़ा करना है। क्या आपको लगता है कि ऐसे पारिवारिक संपत्ति विवादों को सुलझाने के लिए कानूनी प्रक्रिया के अलावा किसी और तंत्र की भी आवश्यकता है?