![]() |
MP में दरिंदों का तांडव: खंडवा में महिला से गैंगरेप के बाद चीरकर निकाली आंतें,आदिवासी महिला के साथ अकल्पनीय क्रूरता crurta Aajtak24 News |
खंडवा - मध्य प्रदेश एक बार फिर बर्बरता की पराकाष्ठा का गवाह बना है। खंडवा जिले में एक आदिवासी महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और उसके बाद की गई वीभत्स क्रूरता ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। आरोपियों ने न सिर्फ महिला के साथ दरिंदगी की, बल्कि अमानवीयता की हद पार करते हुए उसके प्राइवेट पार्ट में हाथ डालकर आंतें बाहर निकाल दीं, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इस रोंगटे खड़े कर देने वाली वारदात के बाद पूरे इलाके में आक्रोश का ज्वालामुखी फूट पड़ा है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन यह घटना महिलाओं, खासकर आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा पर गहरे सवाल खड़े करती है।
दर्दनाक खुलासा: हैवानियत की हदें पार
यह विचलित कर देने वाली घटना खंडवा जिले के कलवा थाना क्षेत्र की है। मृतक आदिवासी महिला का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने जो प्रारंभिक जानकारी दी है, वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है। डॉक्टर के अनुसार, सामूहिक दुष्कर्म में शामिल आरोपियों ने महिला के प्राइवेट पार्ट में नृशंसतापूर्वक हाथ या कोई नुकीली वस्तु डाली होगी। इस बर्बर कृत्य के परिणामस्वरूप महिला की आंतें शरीर से बाहर आ गईं। शव परीक्षण में शरीर के बाहरी हिस्से पर भी गंभीर चोटों के निशान मिले हैं। डॉक्टर ने साफ किया है कि अत्यधिक रक्तस्राव और अंदरूनी अंगों में हुई भीषण क्षति ही महिला की मौत का मुख्य कारण बनी। हालांकि, अभी अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जो घटना के हर पहलू को और स्पष्ट करेगी।
पुलिस जांच और आरोपियों का चौंकाने वाला कबूलनामा
मामले की संवेदनशीलता और भयावहता को देखते हुए खरगोन रेंज के आईजी के सीधे मार्गदर्शन में जांच चल रही है। कलवा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश सिंधिया ने बताया कि घटनास्थल से तलाशी के दौरान कोई लोहे या लकड़ी की रॉड तो बरामद नहीं हुई है, लेकिन शराब की खाली बोतलें और डिस्पोजेबल ग्लास मिले हैं, जो संकेत देते हैं कि घटना के समय आरोपियों ने शराब का सेवन किया था। पुलिस द्वारा की गई गहन पूछताछ में गिरफ्तार किए गए दोनों मुख्य आरोपी हरि और सुनील ने महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का जघन्य अपराध कबूल कर लिया है। इतना ही नहीं, आरोपी हरि ने अपने बयान में पुलिस को बताया है कि दुष्कर्म की घटना के बाद उसने ही अपना हाथ महिला के शरीर के अंदर डाला था, जिससे उसकी आंतें बाहर आ गईं और उसकी मौत हो गई। पुलिस अब दोनों आरोपियों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड और मोबाइल हिस्ट्री को खंगाल रही है ताकि उनके संभावित अन्य अपराधों और मानसिकता को समझा जा सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह भी जानकारी सामने आई है कि घटना को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने कुछ अश्लील वीडियो भी देखे थे, जिसने इस सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता को जन्म दिया।
जनता में आक्रोश और राजनीतिक दलों की कड़ी निंदा
इस अमानवीय वारदात के बाद खंडवा समेत पूरे मध्य प्रदेश में आक्रोश और सदमे की लहर दौड़ गई है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग जोर पकड़ रही है। समाज के हर वर्ग ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। पीड़िता के परिवार को तात्कालिक राहत के तौर पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, जिसमें 50 हजार रुपये रेडक्रॉस और 50 हजार रुपये संबल योजना से दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत 10 लाख रुपये तक की मदद का प्रस्ताव भी भेजा गया है। राजनीतिक गलियारों में भी इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कांग्रेस डेलिगेशन में शामिल पूर्व अध्यक्ष अखिल भारतीय महिला कांग्रेस शोभा ओझा, पूर्व मंत्री मध्य प्रदेश शासन विजयालक्ष्मी साधौ और भीकनगांव विधायक झूमा सोलंकी ने आरोपियों के खिलाफ फांसी या ऐसी सख्त से सख्त सजा की मांग की है, जिससे कोई और भविष्य में ऐसे घृणित अपराध करने की हिम्मत न कर सके। इस घटना ने एक बार फिर मध्य प्रदेश में महिलाओं, विशेषकर आदिवासी समुदाय की महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया है। क्या यह जघन्य अपराध समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने पर मजबूर करेगा, या यह सिर्फ एक और भयावह अध्याय बनकर रह जाएगा?