इकलौता' लाल तिरंगे में लिपटा: LoC शहीद मुरली नाइक की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब janselab Aajtak24 News

 

इकलौता' लाल तिरंगे में लिपटा: LoC शहीद मुरली नाइक की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब janselab Aajtak24 News

हैदराबाद जम्मू-कश्मीर के उरी में पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में शहीद हुए 25 वर्षीय आर्मी जवान एम. मुरली नाइक का पार्थिव शरीर जब उनके पैतृक गांव कल्ली थंडा पहुंचा तो वहां का माहौल गमगीन हो गया। रविवार को सैकड़ों की संख्या में शोकाकुल ग्रामीण अपने वीर सपूत को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़े। मुरली अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे और उनकी शहादत ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। बेटे की अंतिम विदाई के लिए तीन दिनों से रो रहे माता-पिता, एम. रमेश नाइक और ज्योति बाई, की आंखों के आंसू सूख चुके थे, लेकिन उनके दिलों का दर्द अथाह था। जब उन्होंने तिरंगे में लिपटे अपने लाडले बेटे को आखिरी बार देखा तो उनकी चीखें हर किसी का कलेजा चीर गईं। कभी मां अपने बेटे के पार्थिव शरीर को चूमती तो कभी पिता उसे गले से लगाते, इस दृश्य ने वहां मौजूद हर आंख को नम कर दिया।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए मुरली नाइक का पार्थिव शरीर शनिवार देर रात उनके गांव पहुंचा था। रविवार को सैन्य और पुलिस के जवानों ने उन्हें पूरे सम्मान के साथ सलामी दी, जिसके बाद हजारों लोगों की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेंगलुरु हवाई अड्डे से 300 गाड़ियों के काफिले में मुरली का पार्थिव शरीर गोरंटला लाया गया। रास्ते भर सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से अपने हीरो को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोगों ने फूलों की वर्षा की और राष्ट्रीय ध्वज लहराकर अपने वीर जवान को अंतिम विदाई दी। गुम्मय्यागारिपल्ली क्रॉस से कल्ली थांडा तक शव यात्रा में सरकारी अधिकारी, ग्रामीण और बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए। 'भारत माता की जय' और 'मुरली नाइक अमर रहें' के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। घर पहुंचने पर, मुरली की मां ज्योति बाई का रो-रोकर बुरा हाल था। शव यात्रा में शामिल उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी। नारा लोकेश ने पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की ओर से मुरली नाइक के परिवार को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, पांच एकड़ कृषि भूमि और आवास के लिए 300 वर्ग गज जमीन देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि कैबिनेट में चर्चा के बाद परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। पवन कल्याण ने व्यक्तिगत रूप से भी शोक संतप्त परिवार को 25 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की। नारा लोकेश ने शहीद की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा कि देश उनकी सेवा को कभी नहीं भूलेगा। शहीद मुरली नाइक ने अपनी शहादत से कुछ घंटे पहले गुरुवार सुबह लगभग 8 बजे अपने माता-पिता से वीडियो कॉल पर बात की थी, जो आजीविका की तलाश में 30 साल पहले आंध्र प्रदेश से मुंबई चले गए थे। उनके पिता श्रीराम ने नम आंखों से बताया कि मुरली ड्यूटी से लौटे ही थे और वर्दी में थे। उन्होंने कहा कि उन्हें शाम को वापस जाना था और यह आखिरी बार था जब उन्होंने अपने बेटे का चेहरा देखा था।

मुरली अपने माता-पिता का इकलौता सहारा थे। उनके पिता ने कहा कि उनका बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हुआ, लेकिन एक माता-पिता के तौर पर उन्होंने अपना सब कुछ खो दिया। मुरली नाइक, केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने वाले पहले बैच का हिस्सा थे। उनकी शहादत ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है।

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