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मध्यप्रदेश में पंचायत सचिवों का बड़े पैमाने पर तबादला: सालों से जमे अधिकारियों पर गिरेगी गाज, नई नीति लागू lagu Aajtak24 News |
भोपाल - मध्यप्रदेश के ग्रामीण प्रशासनिक ढांचे में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। राज्य सरकार ने पंचायत सचिवों के लिए एक नई और सख्त तबादला नीति जारी की है, जिसका लक्ष्य सालों से एक ही जगह जमे सचिवों को हटाना और ग्रामीण स्तर पर पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करना है। यह नीति उन सभी सचिवों को प्रभावित करेगी जो 10 साल से अधिक समय से एक ही पंचायत में पदस्थ हैं। नई नीति के तहत, अब कोई भी सचिव अपनी पैतृक पंचायत या ससुराल की पंचायत में पदस्थ नहीं हो पाएगा। इसके अलावा, उन पंचायतों से भी तबादले किए जाएंगे जहाँ सचिव के कोई रिश्तेदार सरपंच या उप-सरपंच हैं। यह कदम भाई-भतीजावाद और स्थानीय स्तर पर अनुचित प्रभावों को रोकने के लिए उठाया गया है, जो अक्सर ग्रामीण विकास परियोजनाओं में बाधा बनते रहे हैं। महिला सचिवों के अंतर-जिला तबादलों के लिए भी नियमों को स्पष्ट किया गया है, जिसके लिए दोनों जिलों के जिला पंचायत सीईओ की NOC अनिवार्य होगी। यह निर्णय ग्रामीण विकास को नई गति देने और स्थानीय स्वशासन को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।