क्या है 'सैचुरेशन अभियान' और इसका उद्देश्य?
कृषि मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया यह 'सैचुरेशन अभियान' एक व्यापक पहल है, जिसका मकसद पीएम-किसान योजना के तहत सभी पात्र किसानों को शामिल करना है। इस अभियान के माध्यम से उन किसानों तक पहुंचा जाएगा जो किसी कारणवश अभी तक योजना से नहीं जुड़ पाए हैं, या जिनके वेरिफिकेशन में कोई कमी है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जब 20वीं किस्त जारी हो, तो अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके।
पीएम-किसान योजना: एक त्वरित जानकारी
फरवरी 2019 में शुरू की गई केंद्र सरकार की यह योजना, छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जाती है। इसके तहत, केंद्र सरकार पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता देती है, जिसे 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा किया जाता है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय इस योजना को राज्य सरकारों के साथ मिलकर संचालित करता है, जिससे केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर साझेदारी सुनिश्चित होती है।
20वीं किस्त के लिए जरूरी औपचारिकताएं: तुरंत करें ये काम!
पीएम-किसान योजना की आगामी 20वीं किस्त, जो जून 2025 में जारी होने की उम्मीद है, पाने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण औपपचारिकताएं पूरी करनी होंगी:
- ई-केवाईसी (eKYC) प्रक्रिया: सभी लाभार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर (eKYC) प्रक्रिया पूरी करनी अनिवार्य है। इसके बिना किस्त का लाभ नहीं मिलेगा।
- आधार को बैंक खाते से जोड़ना: किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका आधार कार्ड उनके बैंक खाते से लिंक (जुड़ा हुआ) हो।
- जमीनी रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन: अपने जमीनी रिकॉर्ड (भू-अभिलेख) को वेरिफाई कराना भी अनिवार्य है। किसी भी त्रुटि या असंगति के कारण किस्त रुक सकती है।
आधिकारिक PM-KISAN हैंडल ने सभी लाभार्थियों से इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाने का आग्रह किया है। सरकार ने यह भी जोर दिया है कि सभी पात्र किसान इन शर्तों के बारे में जानकारी रखें ताकि उन्हें वित्तीय सहायता प्राप्त करने में कोई बाधा न आए।
पिछली किस्तें और आगामी भुगतान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी, 2025 को बिहार के भागलपुर दौरे के दौरान पीएम-किसान योजना की 19वीं किस्त जारी की थी। आमतौर पर, योजना के तहत हर चार महीने में एक किस्त जारी की जाती है, ताकि किसानों को पूरे साल लगातार वित्तीय सहायता मिलती रहे, जिससे उन्हें खेती-बाड़ी के काम को बेहतर बनाने में मदद मिल सके। 'सैचुरेशन अभियान' के तहत राज्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांव स्तर पर वेरिफिकेशन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएं, ताकि योजना की वित्तीय सहायता लाभार्थियों तक तुरंत पहुंचे। इस अभियान का एक और उद्देश्य नए पात्र किसानों को भी योजना में जोड़ना है, जिन्होंने अभी तक इसमें दाखिला नहीं कराया है। सरकार की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।