ISI का बड़ा मोहरा शहजाद मुरादाबाद से गिरफ्तार: जासूसी, तस्करी और ISI हैंडलर्स को मदद के गंभीर आरोप
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ISI का बड़ा मोहरा शहजाद मुरादाबाद से गिरफ्तार: जासूसी, तस्करी और ISI हैंडलर्स को मदद के गंभीर आरोप aarop Aajtak24 News |
मुरादाबाद - उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मुरादाबाद शहर से शहजाद नाम के एक शख्स को गिरफ्तार कर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करने का दावा किया है। शहजाद पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने, सीमा पार अवैध तस्करी में लिप्त होने और भारतीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं साझा करने जैसे बेहद गंभीर आरोप हैं। यह गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में पकड़ा गया है, जो भारत में ISI के बढ़ते नापाक मंसूबों की ओर इशारा करता है।
ISI हैंडलर्स को सिम कार्ड और पैसों की 'मदद'
यूपी एसटीएफ के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी शहजाद पुत्र अब्दुल वहाब, रामपुर जिले के टांडा थाना क्षेत्र के आजाद नगर मोहल्ले का मूल निवासी है। उसे मुरादाबाद से पकड़ा गया है, जहां वह पिछले कुछ समय से छिपकर अपनी संदिग्ध गतिविधियां संचालित कर रहा था। एसटीएफ के खुलासे बेहद चौंकाने वाले हैं। शहजाद पर आरोप है कि उसने भारत में सक्रिय ISI के हैंडलर्स को भारतीय मोबाइल सिम कार्ड लेने में मदद की, जो जासूसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इतना ही नहीं, उसने इन ISI एजेंट्स के लिए पैसों की व्यवस्था भी कराई, जिससे वे भारत में अपने नापाक इरादों को अंजाम दे सकें। यह दर्शाता है कि शहजाद केवल एक मोहरा नहीं, बल्कि ISI के भारतीय नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
तस्करी की आड़ में जासूसी: पाकिस्तान की कई 'रहस्यमय' यात्राएं
एसटीएफ की जांच में पता चला है कि शहजाद कई बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है। यहीं से उसका सीधा संपर्क ISI के एजेंट्स और अधिकारियों से हुआ। पूछताछ में शहजाद ने खुलासा किया है कि वह पाकिस्तान और भारत के बीच कॉस्मेटिक्स, कपड़े, मसाले और अन्य सामानों की अवैध तस्करी करता था। इस तस्करी को वह अपनी जासूसी गतिविधियों के लिए एक आड़ के तौर पर इस्तेमाल करता था। अवैध सामान की आवाजाही के दौरान वह ISI के लिए भारत की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं एकत्र करता था और उन्हें पाकिस्तानी एजेंट्स को मुहैया कराता था। यह एक क्लासिक तरीका है जिसका इस्तेमाल दुश्मन खुफिया एजेंसियां अपने एजेंटों को सुरक्षित रूप से सूचनाएं भेजने और प्राप्त करने के लिए करती हैं।
रामपुर और यूपी के कई लोगों को ISI से जोड़ा, पाकिस्तान की 'वीजा' यात्राएं
शहजाद का नेटवर्क केवल सूचनाएं इकट्ठा करने तक सीमित नहीं था। एसटीएफ का दावा है कि शहजाद ने रामपुर जिले और उत्तर प्रदेश के कई अन्य हिस्सों से भी लोगों को तस्करी की आड़ में ISI के लिए काम करने के उद्देश्य से पाकिस्तान भिजवाया। इन लोगों के लिए वीजा आदि का इंतजाम भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट्स द्वारा करवाया जाता था। यह एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है क्योंकि इससे भारत में ISI के स्लीपर सेल और जासूसी नेटवर्क के विस्तार की संभावना बढ़ जाती है। इन लोगों ने पाकिस्तान जाकर क्या प्रशिक्षण प्राप्त किया या किन गतिविधियों में शामिल हुए, इसकी जांच गहनता से की जा रही है।
भारतीय सिम कार्ड और ISI का जाल
एसपी रामपुर विद्यासागर मिश्र ने इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए बताया कि शहजाद ने भारत के खिलाफ जासूसी करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी करक (Karak) के एजेंट्स को भारतीय सिम कार्ड भी उपलब्ध करवाए थे। भारतीय सिम कार्डों का उपयोग स्थानीय संपर्कों से जुड़ने और अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए किया जाता है, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
गिरफ्तारी के बाद शहजाद को तुरंत लखनऊ ले जाया गया है, जहां उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में कानूनी कार्रवाई की जा रही है। एटीएस अब शहजाद से गहन पूछताछ कर रही है ताकि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके, इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके और ISI के भारत में सक्रिय सभी मॉड्यूल को निष्क्रिय किया जा सके। शहजाद के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट्स से लगातार संपर्क में होने और उनके साथ 'अच्छे संबंध' होने की बात सामने आई है, जो उसकी भूमिका की गंभीरता को और बढ़ाती है। यह गिरफ्तारी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जो हमें लगातार सतर्क रहने और दुश्मन की हर चाल पर नजर रखने की आवश्यकता की याद दिलाती है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है क्योंकि जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है।