ऑपरेशन सिंदूर: चीन की जासूसी के बावजूद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को चटाई धूल! dhul Aajtak24 News


ऑपरेशन सिंदूर: चीन की जासूसी के बावजूद भारतीय सेना ने पाकिस्तान को चटाई धूल! dhul Aajtak24 News

नई दिल्ली - भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान को मिली करारी शिकस्त के बाद अब एक सनसनीखेज रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जंग के दौरान चीन ने न केवल पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी की, बल्कि उसे सैटेलाइट डेटा भी साझा किया था। रक्षा मंत्रालय से संबद्ध थिंक टैंक 'सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज' (Centre for Joint Warfare Studies) की यह रिपोर्ट, जो ऐसे समय में आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष की आग शांत है, चीन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती है। रिपोर्ट के खुलासे से पता चलता है कि चीन ने पाकिस्तान को सैन्य मदद देकर जिताने की पूरी कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना के अदम्य पराक्रम के आगे दोनों की सांठगांठ टिक नहीं पाई।

चीन ने पाकिस्तान को कैसे मदद दी?

रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को भारत की सैन्य तैनाती की निगरानी के लिए उसकी एयर डिफेंस और रडार सिस्टम को नए सिरे से व्यवस्थित करने में मदद की। यह एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम था जिसका उद्देश्य भारतीय हवाई कार्रवाई को बेअसर करना था। इसके अलावा, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद शुरू हुए संघर्ष के 15 दिनों के भीतर चीन ने पाकिस्तान की उपग्रह निगरानी प्रणाली को भारत के ऊपर बेहतर फोकस करने में भी मदद की। इसका मतलब है कि चीन ने पाकिस्तान को भारतीय ठिकानों की अधिक सटीक और विस्तृत जानकारी प्राप्त करने में सहायता की। मेजर जनरल (रि.) अशोक कुमार ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, "चीन ने पाकिस्तान की रडार तैनाती इस तरह से करवाई कि अगर हम कोई हवाई कार्रवाई करें, तो पाकिस्तान को उसकी जानकारी पहले से हो जाए।" यह चीन द्वारा पाकिस्तान को दिया गया सीधा खुफिया और तकनीकी समर्थन था।

पाकिस्तान का इनकार और चीन के 'फेल' सिस्टम

पाकिस्तान ने लगातार यह दावा किया है कि उसने भारत के खिलाफ केवल चीन से प्राप्त हथियारों का उपयोग किया। हालांकि, 'सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज' की रिपोर्ट ने पाकिस्तान के इन दावों की पोल खोल दी है। रिपोर्ट ने साफ कर दिया कि चीन ने पाकिस्तान को रणनीतिक, खुफिया और तकनीकी सहायता प्रदान की थी।

विश्लेषकों का मानना है कि चीन ने इस संघर्ष को अपनी रक्षा प्रणालियों की 'लाइव फायर टेस्टिंग' के रूप में देखा, यानी वास्तविक युद्ध की स्थिति में अपने उपकरणों और तकनीकों का परीक्षण किया। हालांकि, आकलन कहता है कि चीन के कई सिस्टम इस 'टेस्टिंग' में "असफल" साबित हुए। रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रक्षा नेटवर्क पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को प्रभावी ढंग से रोकने में पूरी तरह सक्षम रहा, जिससे यह साबित होता है कि चीन की मदद भी पाकिस्तान के काम नहीं आई।

ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना का अदम्य पराक्रम

यह सारी जानकारी 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सामने आई है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था। यह एक बेहद गुप्त और सफल मिशन था, जिसमें सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया कि पाकिस्तानी फौज और उनके आतंकी आकाओं के होश उड़ गए। 6 और 7 मई के दरमियान भारतीय सेना ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाया। इस हमले में 100 से अधिक आतंकी मारे गए और कई पाकिस्तानी फौज के अफसर और सैनिकों की भी जान गई।

'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता और चीन की जासूसी के बावजूद भारत की निर्णायक जीत यह साबित करती है कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है, भले ही दुश्मन को किसी भी बाहरी ताकत का समर्थन क्यों न मिल रहा हो।

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