![]() |
हैदराबाद में भीषण अग्निकांड: 17 लोगों की दर्दनाक मौत, 8 मासूम बच्चे भी शामिल shamil Aajtak24 News |
हैदराबाद - हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के ठीक पास स्थित गुलजार हाउस इलाके में रविवार सुबह हुए एक भीषण अग्निकांड में कम से कम 17 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है, जिनमें 8 मासूम बच्चे भी शामिल हैं। यह हृदय विदारक घटना उस समय हुई जब इमारत में 30 से अधिक लोग मौजूद थे, जिनमें से 15 से ज्यादा लोगों को फायर ब्रिगेड और स्थानीय निवासियों की त्वरित प्रतिक्रिया से सुरक्षित बाहर निकाला जा सका। यह हादसा शहर के सबसे पुराने और घनी आबादी वाले इलाकों में से एक में हुआ है, जिसने एक बार फिर शहरी नियोजन और अग्नि सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुबह के अंधेरे में आग का तांडव: 6:16 बजे मिली सूचना
अग्निशमन विभाग को रविवार सुबह 6:16 बजे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की सूचना मिली। नींद में डूबे शहर के लिए यह खबर किसी झटके से कम नहीं थी। जानकारी मिलते ही 11 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तत्काल मौके पर पहुंचीं। सुबह का वक्त होने के कारण सड़क पर भीड़ कम थी, जिसने दमकलकर्मियों को घटनास्थल तक पहुंचने में मदद की। हालांकि, पुरानी और संकरी गलियों के कारण उन्हें इमारत तक पहुंचने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ी। दमकलकर्मियों को आग की भयावहता को देखते हुए इसे बुझाने में लगभग 2 घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। लपटें इतनी तेज़ थीं कि आसपास की इमारतों को भी खतरा महसूस हो रहा था। आग बुझने के बाद जब अंदर बचाव दल पहुंचा, तो मंजर बेहद दर्दनाक था। शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालांकि, अधिकारियों द्वारा इसकी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है और विस्तृत जांच जारी है।
संकरी सीढ़ी बनी मौत का गलियारा, दम घुटने से गई मासूम जानें
पुलिस के अनुसार, जिस इमारत में यह हादसा हुआ, उसके ग्राउंड फ्लोर पर ज्वेलरी की दुकानें थीं, जबकि ऊपरी मंजिल पर एक मोती व्यापारी और उसके कर्मचारियों के परिवार रहते थे। आग पहले ग्राउंड फ्लोर पर स्थित दुकानों में लगी और फिर तेजी से ऊपर की मंजिलों तक फैल गई। इस इमारत में सिर्फ एक संकरी सीढ़ी थी, जिसने लोगों के बाहर निकलने के एकमात्र रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। जब आग और धुआं तेजी से फैला, तो लोग सीढ़ियों की ओर भागे, लेकिन सीमित जगह और घने धुएं ने उन्हें अंदर फंसा दिया। घनी धुएं और बाहर निकलने की राह न मिलने के कारण अधिकांश लोगों की मौत दम घुटने से हुई। कई लोग बेहोशी की हालत में पाए गए, और लगभग 10 लोगों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। एक चश्मदीद, जाहिद ने बताया कि सभी मृतक एक ही परिवार के थे, जिसने इस त्रासदी को और भी हृदय विदारक बना दिया है। जाहिद ने बताया कि मुख्य दरवाजे से अंदर जाना असंभव था और शटर व दीवार तोड़कर पहली मंजिल पर पहुंचे, लेकिन तब तक सब जल चुका था। पीछे की तरफ से भी कोई निकास मार्ग नहीं था, जो लोगों की मौत का एक बड़ा कारण बना।
प्रधानमंत्री ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान, केंद्र सरकार करेगी मदद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हृदय विदारक घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा, "हैदराबाद में आग की घटना में लोगों की मौत से बहुत दुख हुआ। जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उन्हें संवेदनाएं। घायलों के जल्दी ठीक होने की कामना करता हूं।" इस दुखद घड़ी में, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी घटनास्थल का दौरा किया और वरिष्ठ अधिकारियों से तत्काल चिकित्सा सहायता और सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर लिखा, "भारत सरकार आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान करेगी।" उन्होंने राज्य सरकार से भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचने के लिए इमारतों की अग्नि सुरक्षा ऑडिट सहित सभी आवश्यक सावधानियां बरतने का भी अनुरोध किया।
राज्य सरकार भी सक्रिय, मुख्यमंत्री ने दिया हरसंभव मदद का भरोसा
तेलंगाना के मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने घटना स्थल का दौरा किया और बताया कि आग सुबह करीब 6 बजे लगी और फायर ब्रिगेड की टीम ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने अधिकारियों को बचाव कार्य में हरसंभव मदद देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के अनुसार, मुख्यमंत्री पुलिस और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के संपर्क में हैं और पीड़ित परिवारों को सरकार की ओर से हरसंभव मदद देने का भरोसा दिया गया है।
आधुनिक तकनीक और भविष्य की चुनौतियां
आग बुझाने के लिए आधुनिक फायर रोबोट और ब्रोंटो स्काईलिफ्ट हाइड्रॉलिक प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया गया, जो ऊंची इमारतों में बचाव कार्यों में मदद करते हैं। यह आधुनिक उपकरण आग बुझाने में सहायक साबित हुए, लेकिन इमारत के पुराने ढांचे और अग्नि सुरक्षा मानकों की कमी ने इस त्रासदी की भयावहता को बढ़ा दिया। यह घटना एक बार फिर शहर की पुरानी और घनी आबादी वाली इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है। हैदराबाद जैसे तेजी से विकसित होते शहर में, जहां पुरानी और नई इमारतें साथ-साथ मौजूद हैं, अग्नि सुरक्षा मानकों को कड़ाई से लागू करना और नियमित रूप से निरीक्षण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधिकारियों को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि शहर के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह हादसा हमें सिखाता है कि जीवन की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह की लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है।