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खुशियों का तिलक उत्सव बना 'खौफ का कारण': लालगांव में फायरिंग से एक शख्स गंभीर घायल ghayal Aajtak24 News |
रीवा - जिले के गढ़ थाना अंतर्गत लालगांव चौकी में एक तिलक उत्सव उस समय अफरा-तफरी और खौफ में बदल गया, जब समारोह के दौरान फायरिंग में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना गुरुवार रात करीब 11:30 बजे की है, जब गांव निवासी मुन्नालाल कोल के यहां तिलक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध असलहों की मौजूदगी और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण और पंडित नरेंद्र मिश्रा (पिता भोलानाथ मिश्र, निवासी मोहरिया) भी मौजूद थे। इसी दौरान कार्यक्रम में शामिल आरोपी अखंड सिंह द्वारा फायरिंग की गई, जिससे छर्रे उड़कर सीधे पंडित नरेंद्र मिश्रा के पेट में जा लगे। घायल अवस्था में उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
पीड़ित नरेंद्र मिश्रा ने थाने में दर्ज अपनी रिपोर्ट में बताया कि फायरिंग से छर्रे उनके पेट में घुस गए, जिससे उन्हें अत्यधिक पीड़ा और रक्तस्राव हुआ। पुलिस ने आरोपी अखंड सिंह को हिरासत में ले लिया है और मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है। हालांकि, अभी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, और जांच उपरांत ही पुलिस द्वारा खुलासा किया जाएगा।
अवैध असलहों की खुली चुनौती और प्रशासन पर सवाल
यह घटना केवल एक हादसा नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम फैले अवैध असलहों के व्यापार और उपयोग का एक जीता-जागता उदाहरण है। ग्रामीण अंचलों से लेकर शहरी इलाकों तक भारी मात्रा में अवैध कट्टों और हथियारों का संचरण चिंता का विषय बन चुका है। ऐसे में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि प्रशासनिक निगरानी और कार्यवाही की सीमाएं कहाँ तक हैं?
इस प्रकार की घटनाएं प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी हैं कि यदि समय रहते अवैध हथियार रखने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही नहीं की गई, तो भविष्य में और भी बड़ी घटनाएं सामने आ सकती हैं। तिलक उत्सव जैसे शुभ और पारिवारिक आयोजनों में फायरिंग जैसी घटनाएं न केवल कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाती हैं, बल्कि समाज में भय का माहौल भी उत्पन्न करती हैं। अब समय आ गया है कि फायरिंग जैसे 'खतरनाक प्रचलन' पर सख्ती से रोक लगाई जाए और जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।