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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: कांग्रेस का भारी भरकम खर्च, फिर भी 'आप' से हार har Aajtak24 News |
नई दिल्ली - दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी (आप) की तुलना में तीन गुना अधिक खर्च किया, लेकिन फिर भी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। चुनाव आयोग (ईसीआई) के पास जमा किए गए व्यय विवरणों से यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि सिर्फ वित्तीय शक्ति ही चुनावी सफलता की गारंटी नहीं है।
खर्च का ब्योरा: कांग्रेस ने 46.18 करोड़ रुपये, 'आप' ने 14.51 करोड़ रुपये खर्च किए
ईसीआई वेबसाइट पर बुधवार को अपलोड किए गए व्यय विवरण के अनुसार, कांग्रेस का कुल खर्च 46.18 करोड़ रुपये रहा, जबकि आम आदमी पार्टी ने 14.51 करोड़ रुपये खर्च किए। यह उल्लेखनीय है कि दोनों दलों ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, आप ने 22 सीटें जीतने में सफलता हासिल की, जबकि कांग्रेस लगातार तीसरी बार दिल्ली में खाता खोलने में विफल रही, बावजूद इसके कि उसके वोट शेयर में वृद्धि हुई।
खर्च में क्या-क्या शामिल था?
यह खर्च सामान्य पार्टी प्रचार (जैसे मीडिया विज्ञापन और अभियान सामग्री) और व्यक्तिगत उम्मीदवारों द्वारा किए गए खर्च दोनों को दर्शाता है।
चुनाव परिणाम और सीटों का वितरण
5 फरवरी, 2025 को दिल्ली चुनाव हुए और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए गए। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 48 सीटों के साथ जीत दर्ज करते हुए 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में वापसी की। आप ने 22 सीटें जीतीं, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित उनके कई प्रमुख नेताओं ने अपनी सीटें खो दीं।
कांग्रेस के खर्च का विस्तृत विश्लेषण
कांग्रेस पार्टी ने लगभग 18 करोड़ रुपये मीडिया विज्ञापनों पर खर्च किए, जिसमें बल्क एसएमएस अभियान भी शामिल था। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को प्रिंट विज्ञापनों के लिए 2.68 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करता है और वर्तमान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में है। अभियान के दौरान वॉयस प्रसारण और बल्क एसएमएस पर भी पार्टी ने 60.49 लाख रुपये खर्च किए। इसके अतिरिक्त, कांग्रेस ने पोस्टर, बैज, होर्डिंग्स, झंडे और अन्य प्रचार सामग्री पर लगभग 18 करोड़ रुपये खर्च किए। उम्मीदवार-संबंधित खर्चों की बात करें तो कांग्रेस पार्टी ने 6.05 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें समाचार पत्रों में अपने उम्मीदवारों के आपराधिक पूर्ववृत्त (criminal antecedents) के बारे में जानकारी प्रकाशित करने के लिए 10.75 लाख रुपये शामिल थे।
'आप' के खर्च का विश्लेषण
दूसरी ओर, आप ने अपने 23 उम्मीदवारों को भुगतान के रूप में 2.23 करोड़ रुपये खर्च किए, जिनमें से 15 चुनाव हार गए। इसमें पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया शामिल थे, जिन्होंने क्रमशः 23 लाख रुपये और 20 लाख रुपये के खर्च की सूचना दी। अरविंद केजरीवाल पर 10 लाख रुपये और गोपाल राय पर 24.75 लाख रुपये खर्च किए गए।
आप ने भी अखबारों में अपने उम्मीदवारों के आपराधिक पूर्ववृत्त प्रकाशित करने के लिए 16 लाख रुपये खर्च किए।
आप का कुल "प्रचार व्यय" - जिसमें मीडिया और प्रचार शामिल थे - 12.1 करोड़ रुपये था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि चुनावी जीत केवल धनबल पर निर्भर नहीं करती है। कांग्रेस ने आप की तुलना में भारी मात्रा में धन खर्च किया, लेकिन फिर भी वह एक भी सीट जीतने में असफल रही। यह इंगित करता है कि प्रभावी रणनीति, जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ और जनता से जुड़ाव चुनावी सफलता के लिए कहीं अधिक महत्वपूर्ण कारक हैं।