सीएम भजनलाल को जान से मारने की धमकी: राजस्थान में साइबर क्राइम का नया खतरा, पुलिस बेबस! bebas Aajtak24 News

 

 सीएम भजनलाल को जान से मारने की धमकी: राजस्थान में साइबर क्राइम का नया खतरा, पुलिस बेबस! bebas Aajtak24 News

जयपुर  - राजस्थान में पिछले कुछ समय से धमकी भरे ई-मेल का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, और अब यह सीधे राज्य के शीर्ष नेतृत्व तक पहुँच गया है। स्कूलों और स्टेडियमों को बम से उड़ाने की धमकियों के बाद, अब सीधे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी मिली है। इस ताजा और गंभीर घटनाक्रम ने राज्य प्रशासन और पुलिस की चिंता बढ़ा दी है, जो इन लगातार मिल रही धमकियों के पीछे के शातिर अपराधियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह घटना बताती है कि राज्य साइबर अपराध के एक नए और जटिल दौर से गुजर रहा है। आज, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक ई-मेल के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई। यह मेल सिर्फ मुख्यमंत्री तक ही सीमित नहीं था, बल्कि इसमें क्रीड़ा परिषद के सचिव नीरज के पवन को भी जान से मारने की धमकी दी गई है। इसके साथ ही, जयपुर के प्रतिष्ठित एसएमएस स्टेडियम को पांचवीं बार बम से उड़ाने की चेतावनी भी शामिल है, जो राज्य में बढ़ती अस्थिरता और अपराधियों के दुस्साहस का संकेत है। यह धमकियाँ इतनी गंभीर हैं कि इनसे राज्य प्रशासन और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

धमकी भरे मेल का क्रूर संदेश और पुलिस को खुली चुनौती

धमकी भरे मेल में इस्तेमाल की गई भाषा और मंशा बेहद परेशान करने वाली है। इसमें नीरज के पवन की हत्या कर उनके टुकड़े सूटकेस में बंद करने जैसी क्रूर और बर्बर बातें लिखी गई हैं। मेल भेजने वाले ने खुले तौर पर पुलिस को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर वे पकड़े जाते हैं, तो खुद को मानसिक रूप से बीमार बताकर आसानी से छूट जाएंगे, क्योंकि उनके पास पहले से ही मानसिक बीमारी का डॉक्टर सर्टिफिकेट है। यह दावा कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सीधा तंज कसता है: "पुलिस सो रही है वह कुछ नहीं कर सकती है। अगर हम मासूमियत का चेहरा बनाकर रखेंगे, तो पुलिस हमें छोड़ देगी।" सबसे चौंकाने वाली और गंभीर बात यह है कि धमकी में यह भी कहा गया है, "अगर जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की भी हत्या कर देंगे।" यह संदेश न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को चुनौती देने वाला भी है।

VPN का मायाजाल और पुलिस की बढ़ती चुनौतियाँ

राजस्थान में इस तरह की धमकियां कोई नई बात नहीं हैं। पिछले कुछ समय से राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्कूल, कॉलेज और खेल स्टेडियमों को लगातार बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं, जिससे आम जनता में भय का माहौल बना हुआ है। पुलिस और साइबर सेल लगातार इन धमकी भरे मेल के आईपी एड्रेस को ट्रैक करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, जांच में जर्मनी, नीदरलैंड सहित अन्य देशों के आईपी एड्रेस मिल रहे हैं।

यह स्पष्ट संकेत है कि अपराधी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनकी सटीक लोकेशन का पता लगाना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। वीपीएन का उपयोग कर अपराधी अपनी पहचान और स्थान को कुशलता से छिपा रहे हैं, जिससे जांच प्रक्रिया अत्यधिक जटिल हो रही है और अपराधियों को पकड़ना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में, पुलिस को न केवल तकनीकी रूप से अधिक उन्नत होने की आवश्यकता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय भी बढ़ाना पड़ सकता है।

फिलहाल, पुलिस के आला अधिकारी पूरे मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और इस गंभीर धमकी के पीछे के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस घटना ने राज्य की साइबर सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं, और प्रशासन पर अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने का दबाव लगातार बढ़ रहा है ताकि जनता में विश्वास बहाल किया जा सके।

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