अनदेखा न करें खून की कमी के लक्षण, समय रहते पहचानें और करें बचाव bachav Aajtak24 News

 

अनदेखा न करें खून की कमी के लक्षण, समय रहते पहचानें और करें बचाव bachav Aajtak24 News


नई दिल्ली - आज की व्यस्त जीवनशैली में अनियमित खानपान और तनाव के कारण बहुत से लोग अनजाने में खून की कमी (एनीमिया) का शिकार हो रहे हैं। अक्सर लोग एनीमिया को केवल चेहरे का पीला पड़ना समझते हैं, लेकिन इसके कई अन्य महत्वपूर्ण लक्षण भी होते हैं जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं। समय रहते इन संकेतों को पहचानना और उचित कदम उठाना शरीर को गंभीर जटिलताओं से बचा सकता है। इस विस्तृत खबर में हम आपको खून की कमी के उन 5 प्रमुख लक्षणों के बारे में बताएंगे जिन्हें कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, साथ ही इसके कारणों और बचाव के तरीकों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे।

1. लगातार थकान और कमजोरी: ऊर्जा का स्तर गिरना

खून की कमी का एक प्रमुख लक्षण है हर समय थका-थका महसूस करना, भले ही आपने कोई भारी काम न किया हो। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं, जो ऑक्सीजन को शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुंचाती हैं। ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर की ऊर्जा का स्तर गिर जाता है। यदि आपको सुबह उठने के बाद भी सुस्ती महसूस होती है, थोड़ी सी सीढ़ियां चढ़ने पर भी सांस फूलने लगती है, या सामान्य कामकाज में भी अत्यधिक थकान महसूस होती है, तो यह आपके शरीर में आयरन या हीमोग्लोबिन की कमी का संकेत हो सकता है। इस थकान को सामान्य कमजोरी समझकर नजरअंदाज करना भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।

2. चक्कर आना और सिरदर्द: मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की अपर्याप्त आपूर्ति

मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। खून की कमी होने पर मस्तिष्क तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है, जिसके कारण व्यक्ति को अक्सर चक्कर आने लगते हैं और लगातार सिरदर्द बना रहता है। अचानक खड़े होने पर आंखों के सामने अंधेरा छा जाना या चक्कर महसूस होना, सिर में भारीपन बने रहना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना भी खून की कमी के लक्षण हो सकते हैं। यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह संकेत दे सकता है कि आपके शरीर में खून की मात्रा तेजी से कम हो रही है।

3. दिल की धड़कन का तेज़ होना: हृदय पर बढ़ता दबाव

जब शरीर में खून की कमी होती है, तो हृदय को शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सामान्य से अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस अतिरिक्त प्रयास के कारण दिल की धड़कन तेज़ हो सकती है। बिना किसी स्पष्ट कारण के हृदय गति का बढ़ जाना, हल्की शारीरिक गतिविधि करते समय भी सीने में घबराहट महसूस होना, या सोते समय भी अपनी धड़कन को महसूस करना जैसे लक्षण दर्शाते हैं कि आपके शरीर में आयरन की कमी हो सकती है और आपके हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है। इस लक्षण को अनदेखा करना हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है।

4. त्वचा और नाखूनों का रंग बदलना: पीलापन और भंगुरता

त्वचा का पीला पड़ना खून की कमी का एक जाना-माना लक्षण है, लेकिन इसके अलावा नाखूनों और होंठों के रंग में भी बदलाव आ सकता है। होंठों का नीला या सफेद पड़ जाना, नाखूनों का सफेद और आसानी से टूटने वाला (भंगुर) हो जाना, और आंखों के नीचे काले घेरे व त्वचा में पीलापन दिखाई देना यह संकेत देते हैं कि आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं। यह लक्षण शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी और ऑक्सीजन के निम्न स्तर को दर्शाता है, जिसे गंभीरता से लेना आवश्यक है।

5. सांस लेने में तकलीफ: फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव

खून की कमी के कारण शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप फेफड़ों को शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगती है। हल्का सा चलने पर भी सांस फूलना, बात करते-करते थक जाना, या गहरी सांस लेने में तकलीफ होना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि यह परेशानी बार-बार हो रही है, तो यह एक गंभीर संकेत है और तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए, क्योंकि यह शरीर में ऑक्सीजन की गंभीर कमी का सूचक हो सकता है।

खून की कमी के प्रमुख कारण:

खून की कमी (एनीमिया) कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

  • पोषक तत्वों की कमी: आयरन, फोलिक एसिड या विटामिन B12 जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी खून के उत्पादन में बाधा डालती है।
  • अनियमित और अस्वास्थ्यकर भोजन: पौष्टिक तत्वों से रहित भोजन करने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन और अन्य आवश्यक तत्व नहीं मिल पाते हैं।
  • महिलाओं में भारी मासिक धर्म: मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव से शरीर में आयरन की कमी हो सकती है।
  • आंतों में खून की कमी या अन्य बीमारियाँ: आंतों में अल्सर या अन्य बीमारियों के कारण धीरे-धीरे खून बह सकता है, जिससे एनीमिया हो सकता है।
  • गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक आयरन की आवश्यकता होती है, और यदि पर्याप्त मात्रा में आयरन न लिया जाए तो खून की कमी हो सकती है।

खून की कमी से बचाव और उपचार:

यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। सही समय पर इलाज और जीवनशैली में बदलाव करके खून की कमी को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • आयरन युक्त भोजन का सेवन: अपने आहार में पालक, चुकंदर, अनार, सेब, दालें, और हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
  • विटामिन C का सेवन: विटामिन C शरीर को आयरन को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करता है, इसलिए खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू और आंवला का सेवन करें।
  • नियमित जांच: अपने हेमोग्लोबिन के स्तर की नियमित जांच करवाएं ताकि खून की कमी का पता चल सके।
  • डॉक्टर की सलाह: यदि डॉक्टर सलाह दें तो आयरन की गोलियां या सिरप का नियमित रूप से सेवन करें।
  • पर्याप्त पानी पिएं और तनाव कम करें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और तनाव मुक्त रहना भी स्वस्थ रक्त उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।

खून की कमी एक आम समस्या है, लेकिन इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना गंभीर स्वास्थ्य परिणामों का कारण बन सकता है। इसलिए, यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें और उचित जांच व उपचार करवाएं। एक स्वस्थ शरीर और तेज दिमाग के लिए शरीर में खून की सही मात्रा का होना अत्यंत आवश्यक है।



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