त्यौंथर डिवीजन में फीडर सेपरेशन कार्य में भारी अनियमितता, ग्राम पंचायतों ने जताई आपत्ति aapatti Aajtak24 News

 

त्यौंथर डिवीजन में फीडर सेपरेशन कार्य में भारी अनियमितता, ग्राम पंचायतों ने जताई आपत्ति aapatti Aajtak24 News

रीवा - शासन की किसान हितैषी फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत रीवा जिले के त्यौंथर विद्युत डिवीजन में संचालित निर्माण कार्यों में भारी अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं। स्थानीय ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कार्य की गुणवत्ता, मानकों की अनदेखी और पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। मामला लालगांव डीसी अंतर्गत पनगड़ी सब स्टेशन से जुड़ी ग्राम पंचायतों का है, जहां कार्यरत ठेकेदारों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर कार्य किए जा रहे हैं।

मानकों को दरकिनार कर की जा रही पोल स्थापना

प्राप्त जानकारी के अनुसार, योजना के अंतर्गत खेतों तक सिंचाई हेतु पृथक विद्युत लाइन बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, जिसे निजी कंपनियों के माध्यम से पेटी कॉन्ट्रैक्टर्स द्वारा कराया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में बिजली पोलों की स्थापना के लिए केवल 1 मीटर गहरा गड्ढा खोदा जा रहा है, जबकि मानक अनुसार कम से कम 6 फीट गहराई होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, गड्ढों में कंक्रीट भरने की प्रक्रिया भी पूरी तरह नजरअंदाज की जा रही है, जिससे कई पोल अभी से ही तिरछे हो गए हैं। स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि आने वाले बरसात के मौसम में यह पोल धराशायी हो सकते हैं, जिससे विद्युत आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित होगी और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

ग्राम पंचायत बांस के सरपंच ने जताई नाराजगी

ग्राम पंचायत बांस के सरपंच कमलेश पटेल ने इस कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कार्य पूरी तरह से अवैज्ञानिक तरीके से हो रहा है। उन्होंने बिजली विभाग से तत्काल इस कार्य की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। सरपंच का कहना है कि यदि समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया गया तो इससे किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

पेड़ों की अवैध कटाई से पर्यावरण को भारी क्षति

फीडर सेपरेशन कार्य में केवल तकनीकी अनियमितताएं ही नहीं, बल्कि पर्यावरणीय मानकों की भी घोर अवहेलना की जा रही है। ग्राम पंचायत बांस क्षेत्र में PWD विभाग के अंतर्गत आने वाले करीब 20 हरे-भरे आम के पेड़ों को बिना किसी अनुमति के नुकसान पहुंचाया गया है। इस संबंध में ग्राम पंचायत ने मौके का स्थल पंचनामा तैयार कर एसडीएम मनगवां को शिकायत सौंपी है। ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदारों द्वारा पेड़ों की कटाई मनमाने तरीके से की जा रही है, जो न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि वन अधिनियम के तहत यह एक दंडनीय अपराध भी है।

सामाजिक कार्यकर्ता और किसान पहुंचे विभागीय कार्यालय

मामले की जानकारी मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता देवेंद्र तिवारी ने त्यौंथर पहुंचकर डिवीजनल इंजीनियर ज्ञानेंद्र सिंह से भेंट की और पूरे प्रकरण की लिखित शिकायत सौंपी। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वह चीफ इंजीनियर रीवा रीजन और कलेक्टर रीवा से भी औपचारिक शिकायत कर कार्यवाही की मांग करेंगे। वहीं, किसान रविकांत अग्निहोत्री सहित अन्य कई किसानों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि ठेकेदार अपने लाभ के लिए पर्यावरण और सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बिना किसी अनुमति के शासकीय वृक्षों को काटा जा रहा है, जिससे न केवल प्रकृति को नुकसान हो रहा है बल्कि किसानों की आस्था भी आहत हो रही है।

प्रशासन से न्याय की मांग

ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, दोषी ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई हो और निर्माण कार्यों को निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार दोबारा करवाया जाए। साथ ही, पेड़ों की अवैध कटाई के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाहियां रोकी जा सकें। यह रिपोर्ट किसानों की आवाज़ और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यदि इस मामले को समय रहते नहीं सुलझाया गया, तो इसका प्रभाव सिर्फ आज नहीं, आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ेगा।




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