रीवा में शराब दुकानों पर कलेक्टर का 'एक्शन मोड': "ना झुकी हूं, ना झुकूंगी", MRP से अधिक पर बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई karyawahi Aajtak24 News

रीवा में शराब दुकानों पर कलेक्टर का 'एक्शन मोड': "ना झुकी हूं, ना झुकूंगी", MRP से अधिक पर बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई karyawahi Aajtak24 News

रीवा - जिले में शराब दुकानों पर मनमाने दाम वसूलने और खुलेआम 'लूट' की स्थिति को लेकर जनता की लगातार उठती आवाज़ अब रंग लाने लगी है। यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जनता द्वारा किए गए लगातार खुलासों को गंभीरता से लेते हुए रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने अब सख्त तेवर अपना लिए हैं। उन्होंने शराब दुकानदारों और उनके कथित संरक्षणदाताओं को दो टूक चेतावनी दी है कि अब किसी भी प्रकार की मनमानी या अवैध वसूली नहीं चलेगी। कलेक्टर प्रतिभा पाल ने अपनी दृढ़ता दिखाते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है — "ना मैं झुकी हूं, ना झुकूंगी। जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने कड़े निर्देश दिए हैं कि जिले की सभी शराब दुकानों पर अब अनिवार्य रूप से रेट लिस्ट (MRP) चस्पा की जाए और दुकानों का संचालन शासन द्वारा निर्धारित समय-सारणी के अनुसार ही किया जाए।

शराब दुकानों पर जनता की 'खुली लूट' का खुलासा

बीते कुछ समय से रीवा जिले की शराब दुकानों में एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से अधिक दरों पर शराब बेचे जाने की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। कई दुकानों पर ग्राहकों से अवैध रूप से "सेवा शुल्क" के नाम पर अतिरिक्त पैसे वसूले जा रहे थे। इतना ही नहीं, शराब दुकानदार अपनी मनमर्जी से दुकान खोलते और बंद करते थे, जिससे शासन की नियमावली की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। इस पूरे मामले को यूट्यूब चैनलों और स्थानीय मीडिया ने प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। अब कलेक्टर द्वारा सीधे और कड़े निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे उम्मीद है कि इस अनियमितता पर लगाम लगेगी।

ग्रामीण शराब दुकानों में बड़े स्तर पर अवैध वसूली की चुनौती

कलेक्टर प्रतिभा पाल के लिए अगली बड़ी चुनौती ग्रामीण इलाकों में संचालित शराब दुकानों पर लगाम कसना है। सूत्रों की मानें तो कई गांवों में सरकारी शराब दुकानें कथित तौर पर पुलिस, आबकारी विभाग और स्थानीय दबंगों के 'संरक्षण' में संचालित हो रही हैं। इन दुकानों से लाखों रुपये की "मंथली" वसूली की जाती है, जिसे अक्सर 'सेवा शुल्क' का नाम दिया जाता है। कलेक्टर के इस कड़े आदेश के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या इन विभागों के दोषी अधिकारियों पर भी कोई कार्रवाई होगी? क्या उनकी भूमिका की भी निष्पक्ष जांच की जाएगी? या फिर यह अवैध कारोबार यूं ही चलता रहेगा? यह देखना बाकी है कि प्रशासन इन गहरे पैठे तंत्र पर कितनी प्रभावी कार्रवाई कर पाता है।

जनता की जागरूकता बनी प्रशासन की ताकत

कलेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि यदि जनता इसी तरह से सक्रिय और जागरूक बनी रही तो किसी भी प्रकार की लूट या अवैध गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से लगाम लगाना संभव होगा। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि कहीं भी शराब दुकानों में मनमानी या अवैध वसूली होती है, तो वे बिना किसी डर के तुरंत संबंधित विभाग को सूचित करें। रीवा के वर्तमान पुलिस आयुक्त और कलेक्टर द्वारा की जा रही इस संयुक्त और दृढ़ कार्यवाही की शहर और ग्रामीण इलाकों में व्यापक सराहना हो रही है। लोगों को उम्मीद है कि यह कार्रवाई एक उदाहरण बनेगी और रीवा जिले में शराब व्यापार से जुड़ी अनियमितताओं पर सख्त अंकुश लगेगा, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी।


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