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रीवा-मऊगंज हाईवे: 'वसूली राजमार्ग', 15 साल से जारी संगठित लूट का अड्डा adda Aajtak24 News |
रीवा - मध्य प्रदेश का रीवा-मऊगंज राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-30 और NH-35) मालवाहक ट्रकों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग कम और 'वसूली राजमार्ग' ज्यादा बन गया है। यहां हर थाना क्षेत्र की पुलिस, सादी वर्दी या मोटरसाइकिल पर गश्त करते हुए, खुलेआम ट्रकों से वसूली करती है। छोटे वाहनों से 300 से 500 रुपये तक और बड़े वाहनों से 2,000 रुपये तक की अवैध उगाही का यह सिलसिला पिछले 15 वर्षों से निर्बाध रूप से जारी है। ट्रक चालकों के अनुसार, यह संगठित वसूली पुलिस के कुछ चिन्हित कर्मियों द्वारा दिन-रात की जाती है। यदि कोई चालक पैसे देने से इनकार करता है, तो उसे चालान, वाहन जब्ती या घंटों तक ट्रक रोककर परेशान किया जाता है। रीवा से प्रयागराज तक भूसा लेकर जाने वाले एक ट्रक ड्राइवर ने बताया कि यह वसूली इतनी आम हो गई है कि अब यह 'फिक्स रेट' की तरह लगता है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह वसूली केवल चाकघाट सीमा तक ही सीमित है। जैसे ही ट्रक उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करता है, वसूली बंद हो जाती है। यह सवाल उठता है कि क्या यह वसूली नेटवर्क जिला स्तर तक ही सीमित है? रीवा के पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक नियमित निरीक्षण और कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है। थाना स्तर पर पुलिस खुलेआम अपने वरिष्ठ अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक रही है। यह स्थिति सिर्फ आर्थिक भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि सामाजिक नैतिकता और प्रशासनिक पारदर्शिता का भी अपमान है। वर्दीधारी व्यक्ति द्वारा ईमानदार ट्रक चालक से 'हफ्ता' वसूलना संविधान का अपमान है।
रीवा जिले की जनता और हजारों ट्रक चालक मांग कर रहे हैं कि इस खुली लूट पर तत्काल कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय से विशेष जांच दल गठित करने और चाकघाट सीमा तक के प्रत्येक थाने की जांच करने की अपील की गई है। ट्रक ड्राइवरों के वीडियो, ऑडियो और गवाही को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए, क्योंकि यह सब खुलेआम हो रहा है। यदि अब भी कार्रवाई नहीं हुई, तो यह अपराध इतना मजबूत हो जाएगा कि इसे खत्म करना असंभव हो जाएगा और रीवा की सड़कों पर कानून की नहीं, बल्कि 'कट मनी की सरकार' चलेगी।