अफगान सीमा हिली, भारत तक गूंज उठे ज़मीनी झटके – दिल्ली से श्रीनगर तक अफरा-तफरी tafari Aajtak24 News


अफगान सीमा हिली, भारत तक गूंज उठे ज़मीनी झटके – दिल्ली से श्रीनगर तक अफरा-तफरी tafari Aajtak24 News 

नई दिल्ली - शनिवार दोपहर करीब 12:17 बजे जब लोग अपने रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त थे, तभी अचानक धरती हिलने लगी। अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में आए 5.8 तीव्रता के भूकंप ने कश्मीर घाटी से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक के इलाकों में लोगों को हिला कर रख दिया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान बॉर्डर था और इसकी गहराई ज़मीन से 86 किलोमीटर नीचे बताई गई है। कश्मीर घाटी में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घबराकर अपने-अपने घरों और कार्यालयों से बाहर निकल आए। श्रीनगर से सामने आए एक वायरल वीडियो में देखा गया कि लोग एक बहुमंज़िला इमारत से हड़बड़ाते हुए बाहर भाग रहे हैं। वहीं, दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में भी कंपकंपी जैसे झटके महसूस किए गए। कई लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से कंपन की पुष्टि की और अपने अनुभव साझा किए। भूकंप के चलते भले ही अफरा-तफरी मच गई हो, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी जिलों में राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है और ज़मीनी स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। एनसीएस ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि भूकंप की गहराई 86 किलोमीटर थी, इसलिए इसकी तीव्रता अधिक होने के बावजूद इससे भारी नुकसान की संभावना कम होती है। लेकिन फिर भी, लगातार सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में ऐसे झटकों को चेतावनी की तरह देखा जाना चाहिए।

भूकंप का कारण क्या है?
अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है। यह क्षेत्र यूरेशियन प्लेट और इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट्स के टकराव क्षेत्र में आता है। प्लेट्स के बीच यह लगातार गति और घर्षण ही भूकंपीय गतिविधियों का मुख्य कारण है। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस इलाके में समय-समय पर भूकंप आते रहे हैं और यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रह सकता है। हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में कई तीव्र भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से कुछ ने जानमाल को भारी नुकसान भी पहुंचाया है। हालांकि इस बार राहत की बात यह रही कि भूकंप की तीव्रता तो अधिक थी, लेकिन इसका केंद्र इतना गहरा था कि इससे ऊपर सतह पर ज़्यादा कंपन नहीं पहुंचा।

लोगों से क्या अपील है?
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से लोगों से कहा गया है कि वे किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें, अपने घरों में सुरक्षा उपकरण जैसे फर्स्ट-एड किट, फ्लैशलाइट और जरूरी दवाएं उपलब्ध रखें, और भूकंप के समय घबराने के बजाय खुले स्थानों या मजबूत ढांचे की सुरक्षा लें। भले ही इस बार कोई बड़ी क्षति नहीं हुई, लेकिन यह घटना एक बार फिर हमें याद दिलाती है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता और जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।

Post a Comment

Previous Post Next Post