मध्य प्रदेश में नल जल योजना में करोड़ों का भ्रष्टाचार, जनता को धोखा – रीवा-मऊगंज में खुलासा khulasha Aajtak24 News

 

मध्य प्रदेश में नल जल योजना में करोड़ों का भ्रष्टाचार, जनता को धोखा – रीवा-मऊगंज में खुलासा khulasha Aajtak24 News 

रीवा/मऊगंज: मध्य प्रदेश में सरकारी योजनाओं की आड़ में भ्रष्टाचार का जाल लगातार फैलता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की सुविधा देने के उद्देश्य से चलाई गई "नल जल योजना" भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। इस योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं, जिससे सरकारी धन का गबन हुआ और जनता को आज भी पीने का साफ पानी नसीब नहीं हो रहा।

योजना का उद्देश्य और उसकी हकीकत

मध्य प्रदेश सरकार ने 2019-20 से 2025 तक हर गांव और घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से "नल जल योजना" शुरू की थी। इस योजना के तहत पाइपलाइन बिछाकर ग्रामीणों को घर-घर नल कनेक्शन देने और जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए सरकार ने प्रत्येक गांव के हिसाब से करोड़ों रुपये की धनराशि आवंटित की थी।

लेकिन यह योजना भी भ्रष्टाचार के मकड़जाल में उलझ गई।

कैसे हुआ घोटाला?

रीवा और मऊगंज जिले में इस योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। पंचायत स्तर पर इसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया। ग्राम पंचायतों के सचिव, रोजगार सहायक, सरपंच और जनपद पंचायतों के उपयंत्री की मिलीभगत से इस योजना के तहत आवंटित राशि का दुरुपयोग हुआ।

  • कई गांवों में पाइपलाइन बिछाने का काम केवल कागजों पर हुआ, लेकिन वास्तविकता में कोई कार्य नहीं किया गया।

  • जिन स्थानों पर पाइपलाइन बिछाई भी गई, वहां घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जिससे कुछ ही महीनों में पाइप फट गए और जल आपूर्ति ठप हो गई।

  • कई स्थानों पर नल कनेक्शन आधे-अधूरे लगे, लेकिन जल आपूर्ति शुरू नहीं हुई।

ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये की निकासी कर ली गई।

भ्रष्टाचार के सबूत और जनता का रोष

स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। कई जगहों से फोटो और वीडियो सबूत सामने आए हैं, जिनमें खराब पाइपलाइन, सूखे नल और अधूरी परियोजनाएं स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं।

  • "हमने उम्मीद की थी कि इस योजना से हमारे गांव में स्वच्छ जल आएगा, लेकिन यहां तो सिर्फ कागजों पर काम दिखाकर पैसे खा लिए गए," ग्रामीणों का कहना है।

  • "हमारी पंचायत में नल लगाए गए, लेकिन उनमें एक बूंद भी पानी नहीं आया। सरकार को चाहिए कि इसकी जांच कराए," एक अन्य ग्रामीण ने शिकायत की।

विंध्य वसुंधरा समाचार ने प्रमुखता के साथ पूर्व में भी इस भ्रष्टाचार को उजागर किया था और शासन-प्रशासन को आगाह किया था, किंतु अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।

सरकार और विपक्ष की भूमिका

भ्रष्टाचार के इतने बड़े घोटाले के बावजूद सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। विपक्ष भी इस मुद्दे पर पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रहा है।

  • कांग्रेस, जो कि राज्य में मुख्य विपक्षी दल है, ने इस घोटाले पर अब तक कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया।

  • वहीं, बहुजन समाज पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी जैसे अन्य दल भी इस मुद्दे पर मौन हैं।

जनता की माँग: निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई

इस घोटाले से आहत जनता अब निष्पक्ष जांच की माँग कर रही है। ग्रामीणों की मांग है:

  1. इस पूरे घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

  2. दोषी अधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

  3. जिन गांवों में जल आपूर्ति नहीं हो रही, वहां तत्काल प्रभाव से काम पूरा किया जाए।

अगर सरकार इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देती, तो आने वाले समय में जनता का आक्रोश और बढ़ सकता है।

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