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रीवा में फसल अवशेष जलाने पर कलेक्टर का कड़ा एक्शन, उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना jurmana Aajtak24 News |
रीवा - जिले में फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई (फसल अवशेष) जलाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत सख्त प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह निर्णय प्रदेश सरकार के किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के दिशा-निर्देशों और पर्यावरण संरक्षण की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
नरवाई जलाना अब दण्डनीय अपराध
प्रत्येक वर्ष गेहूं और धान की कटाई के बाद खेतों में बचे फसल अवशेषों को जलाने से वातावरण में अत्यधिक प्रदूषण फैलता है। इसके साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी गंभीर नुकसान पहुंचता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा सेटेलाइट से की जा रही निगरानी में ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो पर्यावरणीय संकट का संकेत देती है।
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने स्पष्ट किया कि ऐसी गतिविधियों को पूरी तरह रोकना अब आवश्यक हो गया है, जिससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रह सके, बल्कि किसानों को वैज्ञानिक और आधुनिक खेती पद्धतियों का लाभ भी मिल सके।
स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अनिवार्य
अब जिले में कोई भी किसान बिना स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) या स्ट्रा रीपर के कंबाईन हार्वेस्टर का उपयोग नहीं कर सकेगा। इस आदेश के पालन की जिम्मेदारी जिला परिवहन अधिकारी और सहायक कृषि यंत्री को सौंपी गई है। यदि कोई मशीन धारक इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
उल्लंघन पर जुर्माने की दरें तय
पर्यावरण विभाग द्वारा निर्धारित अधिसूचना के अनुसार, फसल अवशेष जलाने की स्थिति में किसानों को आर्थिक दण्ड (जुर्माना) भुगतना पड़ेगा:
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2 एकड़ से कम भूमि पर नरवाई जलाने पर – ₹2,500
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2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों पर – ₹5,000
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5 एकड़ से अधिक भूमि पर नरवाई जलाने पर – ₹15,000 प्रति घटना
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि जुर्माने की राशि घटना के अनुसार तय की जाएगी और दोषियों पर 15 दिनों के भीतर दण्ड अधिरोपित किया जाएगा।
किसानों को दिए गए वैकल्पिक समाधान
जिले के किसानों को नरवाई जलाने के बजाय फसल अवशेष के वैज्ञानिक प्रबंधन की सलाह दी गई है। इसके लिए हेप्पी सीडर, सुपर सीडर, बेलर, रैकर, चॉपर आदि मशीनों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। इन मशीनों की सहायता से:
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फसल अवशेषों का खेत में पुनः उपयोग हो सकता है
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जैविक कार्बन की मात्रा बढ़ती है
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लागत में कमी आती है
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पशुओं के लिए भूसे की भी व्यवस्था होती है
निगरानी और कार्रवाई का सख्त तंत्र
इस आदेश के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ग्राम से जिला स्तर तक निगरानी दल गठित किए गए हैं।
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सेटेलाईट इमेजिंग से प्रतिदिन की घटनाओं की निगरानी की जाएगी
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शिकायत प्राप्त होते ही 48 घंटे के भीतर स्थल निरीक्षण कर पंचनामा तैयार किया जाएगा
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15 दिनों में दोषियों पर जुर्माना अधिरोपित किया जाएगा
जनजागरूकता के प्रयास होंगे तेज
जनसंपर्क विभाग द्वारा इस आदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सोशल मीडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से किसानों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही, कृषि विभाग के अधिकारी एवं विस्तार अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद करेंगे और उन्हें वैकल्पिक तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण देंगे।
आदेश तत्काल प्रभाव से लागू
कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है। इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल रीवा जिले में कृषि के टिकाऊ विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी एक बड़ी भूमिका निभाएगा। प्रशासन की यह सख्ती किसानों को आधुनिक और जिम्मेदार कृषि पद्धति अपनाने की दिशा में प्रेरित करेगी।