दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता दुर्गेश पाठक के घर CBI का छापा, AAP ने बताया राजनीतिक बदले की कार्रवाई karyawahi Aajtak24 News
नई दिल्ली - देश की राजधानी दिल्ली में सियासी हलचल उस समय तेज़ हो गई जब आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक दुर्गेश पाठक के आवास पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की। यह कार्रवाई आम आदमी पार्टी को रास नहीं आई और उसने इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया है। CBI अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत दर्ज एक मामले के सिलसिले में की गई है। सूत्रों के अनुसार, CBI टीम ने गुरुवार सुबह पाठक के आवास पर दस्तक दी और दस्तावेजों की जांच शुरू की। हालांकि, आम आदमी पार्टी का दावा है कि यह छापा संयोग नहीं बल्कि राजनीतिक रणनीति है। पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि जैसे ही दुर्गेश पाठक को 2027 में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया, वैसे ही उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर दिया गया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, "यह कोई इत्तेफाक नहीं है। यह एक सोची-समझी रणनीति है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अगर कोई उन्हें टक्कर दे सकता है तो वह सिर्फ आम आदमी पार्टी है। यही वजह है कि हमारे नेताओं को डराने और बदनाम करने के लिए CBI का सहारा लिया जा रहा है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसे भाजपा की "गुंडागर्दी और तानाशाही" बताया। उन्होंने कहा, "बीजेपी को डर है कि आम आदमी पार्टी गुजरात में बड़ी ताकत बनकर उभरेगी, इसलिए हमारे नेताओं को दबाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन यह पार्टी झुकने वाली नहीं है।"
आतिशी, जैस्मिन शाह सहित कई AAP नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे केंद्र सरकार की "लोकतंत्र पर हमला" करार दिया। हालांकि CBI ने अब तक कार्रवाई के राजनीतिक पहलुओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन छापेमारी के पीछे की वजह को "FCRA उल्लंघन" बताया गया है। CBI का कहना है कि वे केवल कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और कार्रवाई सबूतों के आधार पर की जा रही है।
इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच टकराव को उजागर कर दिया है। वहीं विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। राजनीति और जांच एजेंसियों का यह टकराव आने वाले समय में और तीखा रूप ले सकता है।