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मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की अध्यक्षता में हुई रोजगार गारंटी परिषद की बैठक, मनरेगा निगरानी के लिए जीआईएस लैब पर जोर jor Aajtak24 News |
भोपाल - मध्यप्रदेश में मनरेगा के तहत ग्रामीणों को रोजगार देने की दिशा में सरकार लगातार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार को राजधानी भोपाल स्थित विकास भवन में मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद की कार्यकारिणी समिति की छठवीं बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता पंचायत, ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की, जबकि राज्यमंत्री श्रीमती राधा सिंह भी इस अवसर पर विशेष रूप से मौजूद रहीं। बैठक में मनरेगा की भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गई। मंत्री श्री पटेल ने बताया कि वर्ष 2025 के लिए 15 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 5 करोड़ मानव दिवस का सृजन कर अधिक से अधिक जरूरतमंदों को रोजगार देने के निर्देश दिए। अब तक प्रदेश में करीब 42 लाख रोजगार दिवस सृजित किए जा चुके हैं। राज्यमंत्री श्रीमती राधा सिंह ने बैठक में विभागीय कार्यों की सराहना करते हुए कहा, “मनरेगा के तहत हर हाथ को काम देना हमारा संकल्प है, जिसे मूर्त रूप देने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है।” उन्होंने कहा कि प्रदेश की ग्रामीण जनता को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए मनरेगा एक मजबूत माध्यम बन चुका है।
बैठक में तकनीकी उन्नयन पर भी विशेष चर्चा हुई। मंत्री श्री पटेल ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा अपनाई जा रही क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रक्रिया को मनरेगा में भी लागू करने की बात कही। इसके साथ ही जीआईएस लैब, रिमोट सेंसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक को विभाग में समावेशित करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एक जीआईएस लैब स्थापित की जाए तथा जहां पूर्व में लैब उपलब्ध हैं, उन्हें अपग्रेड कर संभाग स्तर की लैब में बदला जाए, जिससे बजट का कुशल उपयोग हो सके। इस अवसर पर ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा शर्तों, कार्यरत अमले को अतिरिक्त प्रभार दिए जाने, संविदा अधिकारियों/कर्मचारियों की नई सेवा शर्तें, स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स के इम्पैनलमेंट और विधि परामर्शदाता की सेवाओं के उपयोग की समीक्षा भी की गई।
बैठक के अंत में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल और राज्यमंत्री श्रीमती सिंह ने “परिवर्तन के पथप्रदर्शक” पुस्तक का विमोचन किया, जो वर्ष 2021 से 2024 तक मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण उत्थान की सफल कहानियों को समर्पित है। यह पुस्तक राज्य में मनरेगा की पारदर्शिता, तकनीकी प्रगति और जनकल्याणकारी पहल का जीवंत दस्तावेज है। इस दौरान राज्य आजीविका फोरम सोसायटी की शासी निकाय की बैठक भी आयोजित हुई, जिसमें ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने की रणनीतियों पर विचार किया गया।