बच्ची की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग और उसके परिजन मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्ची को खून से लथपथ देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। तत्काल बच्ची को गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन उसकी नाजुक हालत के चलते उसे बचाया नहीं जा सका और उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस घटना की सूचना मिलते ही पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। बड़ामलहरा थाने की पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना किया। इसके बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी बालकृष्ण यादव को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस का मानना है कि दुष्कर्म के प्रयास का राज खुलने के डर से आरोपी ने बच्ची की हत्या की, ताकि वह अपने अपराध को छिपा सके।
जिला अस्पताल में एसपी अगम जैन और एडिशनल एसपी भी पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। एसपी ने कहा कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि बच्ची के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए हैं, जो आरोपी की क्रूरता को दर्शाते हैं। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटा लिए हैं और मामले की गहन जांच कर रही है। इस दर्दनाक घटना ने पूरे छतरपुर जिले में शोक की लहर दौड़ा दी है। लोग सड़कों पर उतर आए और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। बच्ची के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके लिए यह क्षति असहनीय है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है।
यह घटना समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे समाज में मासूम बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं? इस तरह की घटनाएं न केवल पीड़ित परिवार को बल्कि पूरे समाज को traumatize करती हैं। पुलिस ने आरोपी बालकृष्ण यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या) और 376 (दुष्कर्म) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आगे की जांच जारी है और पुलिस जल्द ही अदालत में चार्जशीट दाखिल करेगी ताकि आरोपी को कानून के अनुसार सजा मिल सके।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि समाज में कुछ ऐसे विकृत मानसिकता वाले लोग मौजूद हैं जो मासूमों को भी अपनी हवस का शिकार बनाने से नहीं हिचकिचाते। ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना और समाज में जागरूकता फैलाना बेहद जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। छतरपुर के लोग इस घटना से गहरे सदमे में हैं और इंसाफ की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि आरोपी को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो दूसरों के लिए एक सबक साबित हो और कोई भी व्यक्ति भविष्य में ऐसा घिनौना कृत्य करने की हिम्मत न करे। यह घटना न केवल छतरपुर बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए और अधिक सतर्क और संवेदनशील होने की आवश्यकता है।