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हजारीबाग में दो पाकिस्तानी महिलाओं और दर्जनभर बांग्लादेशियों की पहचान, पुलिस ने तेज की जांच jach Aajtak24 News |
हजारीबाग - पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तानियों को वापस भेजने के फैसले के बाद पूरे देश में हलचल मची हुई है। इसी क्रम में हजारीबाग में भी दो पाकिस्तानी महिलाओं की पहचान हुई है। साथ ही जिले में एक दर्जन बांग्लादेशियों के अवैध रूप से रहने का मामला भी सामने आया है। प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाते हुए जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी है। पहचानी गई दोनों पाकिस्तानी महिलाओं में पहली का नाम अनिका रहमान है, जो आजाद नगर निवासी शफीकुर रहमान की पत्नी हैं। शफीकुर रहमान बिहार सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एचएच रहमान के छोटे भाई हैं। दूसरी महिला का नाम फातिमा तंजीम है, जो बारी कॉलोनी निवासी मिराज अख्तर की पत्नी हैं। दोनों महिलाएं लंबे समय से हजारीबाग में रह रही थीं और लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर भारत में निवास कर रही थीं। जानकारी के अनुसार, अनिका रहमान की शादी 1994 में हुई थी और उनका वीजा 2014 तक वैध था। वीजा का रिन्युअल अब तक नहीं हो सका है, हालांकि उन्होंने समय रहते आवेदन कर दिया था और रिन्युअल की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, फातिमा तंजीम की शादी 2010 में हुई थी और उनका वीजा 2021 तक वैध था। उनके वीजा नवीनीकरण की फाइल भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच लंबित है।
दोनों महिलाओं ने पुलिस विभाग के विदेशी शाखा कार्यालय जाकर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि वे भले ही पाकिस्तान की जन्मी बेटियां हैं, लेकिन अब वे हजारीबाग की बहुएं हैं और यहीं अपना भविष्य देखती हैं। फिलहाल प्रशासन उनके वीजा मामलों की समीक्षा कर रहा है। इसके साथ ही, लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा के डिटेंशन सेंटर में बंद एक दर्जन बांग्लादेशी नागरिकों की भी पहचान हुई है। इनमें से तीन बांग्लादेशी बंदी फरार हो चुके हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुट गई है। जिला प्रशासन ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर रिपोर्ट सौंपें।
सूत्रों के अनुसार, इंटेलिजेंस एजेंसियों की मदद से जिले भर में व्यापक जांच अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस को शक है कि हजारीबाग में कई बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से निवास कर रहे हैं, जिनकी पहचान कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार के सख्त रुख और पहलगाम हमले के बाद देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संवेदनशीलता बढ़ गई है। ऐसे में विदेशी नागरिकों, खासकर पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए लोगों के दस्तावेजों की सख्त जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन का कहना है कि सभी प्रक्रियाएं कानून के तहत होंगी और देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।