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भारत के एक्शन से घबराया पाकिस्तान, बिलावल भुट्टो ने मांगी बातचीत की भीख bhik Aajtak24 News |
नई दिल्ली - पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए सख्त कदमों ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है। भारत ने एक के बाद एक कई आक्रामक फैसले लिए — जैसे सिंधु जल संधि का निलंबन, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और अटारी बॉर्डर को बंद करना। इन सबके चलते पाकिस्तान अब पूरी तरह से बैकफुट पर आ गया है। इसी घबराहट में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने दोनों देशों से विवादों के समाधान के लिए बातचीत का आग्रह किया है। पाकिस्तान के एक निजी टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत से बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया। उन्होंने नई दिल्ली के रुख पर अफसोस जताते हुए कहा कि हालात बिगड़ने से पहले बातचीत जरूरी है। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह अब पाकिस्तान की बातचीत की "नौटंकी" में फंसने वाला नहीं है। भारत का स्टैंड स्पष्ट है — आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते।
पहलगाम हमले से शुरू हुई आक्रामक नीति
बता दें कि कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। शुरुआती जांच में यह साफ हो गया कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ है। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ रणनीतिक और आक्रामक नीति अपनाई। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान के लिए जल संकट गहराने की संभावना बन गई है। इसके अलावा, भारतीय वीजा निलंबन और अटारी बॉर्डर बंद करने जैसे फैसलों ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया है।
बिलावल की धमकी और भारत की प्रतिक्रिया
भारत के कड़े कदमों से तिलमिलाए बिलावल भुट्टो जरदारी ने सिंध प्रांत के सुक्कुर जिले में एक जनसभा में भड़काऊ बयान दिया। उन्होंने कहा, "सिंधु हमारी है और हमारी ही रहेगी। या तो इसमें हमारा पानी बहेगा या उनका खून।" बिलावल की इस धमकी पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बिलावल की आलोचना करते हुए कहा कि दुनिया में ऐसे कट्टर सोच रखने वाले नेताओं की मौजूदगी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की प्राथमिकता केवल आतंकवाद फैलाना रह गई है और ऐसे देश से भारत को कोई उम्मीद नहीं है।
एयरस्पेस बंद करने का कदम भी पड़ा हल्का
पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद करने का फैसला किया, लेकिन इसका भारत पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। भारत ने पहले से ही पाकिस्तान के संभावित कदमों के प्रति तैयारी कर रखी थी। इसके अलावा, भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह बता चुका है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई किसी भी दबाव में नहीं रुकेगी।
भारत का रुख: निर्णायक और अडिग
भारत ने इस बार साफ कर दिया है कि अब सिर्फ बयानबाजी नहीं होगी, बल्कि पाकिस्तान को हर मोर्चे पर घेरा जाएगा। चाहे कूटनीतिक मंच हो, जल समझौते हों या व्यापारिक रिश्ते — भारत हर जगह पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रहा है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकवाद को खत्म नहीं करता, तब तक कोई बातचीत संभव नहीं है।
पाकिस्तान की नौटंकी नाकाम
भारत के आक्रामक रुख के सामने पाकिस्तान की "शांति वार्ता" की नौटंकी पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के बाद भारत अब न केवल सख्त कार्रवाई कर रहा है, बल्कि पाकिस्तान को दुनिया के सामने अलग-थलग भी कर रहा है। बिलावल भुट्टो की गिड़गिड़ाहट इस बात का प्रमाण है कि भारत के फैसलों से पाकिस्तान को गहरा आघात पहुंचा है। आने वाले दिनों में भारत द्वारा और भी कड़े कदम उठाए जाने की संभावना है, जिससे पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ेंगी।