व्यापार युद्ध का असर फिल्मों पर, चीन ने घटाई अमेरिकी फिल्मों की रिलीज release Aajtak24 News


व्यापार युद्ध का असर फिल्मों पर, चीन ने घटाई अमेरिकी फिल्मों की रिलीज release Aajtak24 News 

दिल्ली -
अमेरिका और चीन के बीच चल रहा व्यापारिक तनाव अब सांस्कृतिक मोर्चे पर भी तेज होता नजर आ रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन ने अमेरिका को करारा जवाब देते हुए हॉलीवुड फिल्मों की रिलीज को "मध्यम रूप से कम" करने की घोषणा की है। यह फैसला चीन की राष्ट्रीय फिल्म प्रशासन (NFA) द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के माध्यम से सामने आया, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनोरंजन उद्योग में हलचल मचा दी है। यह कदम ऐसे समय पर आया है जब ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में चीनी उत्पादों पर टैरिफ को 145 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जिसे बीजिंग ने "अनुचित" और "आक्रामक" व्यापारिक रणनीति बताया। इसके जवाब में NFA ने कहा कि वह बाजार के नियमों और दर्शकों की पसंद का सम्मान करते हुए अमेरिकी फिल्मों की संख्या में कटौती करेगा।

सांस्कृतिक कूटनीति का नया अध्याय

सांस्कृतिक प्रतिबंधों को रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह कदम हॉलीवुड के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। हॉलीवुड, जो दशकों से चीन को अपने दूसरे सबसे बड़े बाजार के रूप में देखता रहा है, अब असमंजस की स्थिति में है। NFA के प्रवक्ता ने स्पष्ट कहा कि “चीनी दर्शकों के बीच अमेरिकी फिल्मों की घटती रुचि इस निर्णय को सहज बनाती है। हम हॉलीवुड फिल्मों की संख्या में एक संतुलित और ‘मध्यम’ कमी लाएंगे, जिससे हमारे घरेलू उद्योग को अधिक अवसर मिल सके। हालांकि, विशेषज्ञ इसे प्रतीकात्मक सजा मान रहे हैं जो बीजिंग की शक्ति-प्रदर्शन की नीति का हिस्सा है। लेखक और हॉलीवुड-चीन संबंधों पर आधारित पुस्तक ‘Feeding the Dragon’ के लेखक क्रिस फेंटन ने कहा, “यह कदम केवल व्यापारिक बदले की कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह वॉशिंगटन को यह दिखाने की कोशिश है कि चीन के पास जवाबी कार्रवाई के लिए सांस्कृतिक मोर्चा भी है।”

हॉलीवुड के लिए खतरे की घंटी

अमेरिकी फिल्म उद्योग पहले से ही घरेलू और वैश्विक स्तर पर बदलते दर्शकों की प्राथमिकताओं से जूझ रहा है। ऐसे में चीन जैसे बड़े बाजार में एंट्री की संख्या कम होना कई प्रोडक्शन हाउसों के लिए चिंता का कारण है। पिछले कुछ वर्षों में, 'एवेंजर्स: एंडगेम', 'अवतार: द वे ऑफ वॉटर', और 'फास्ट एंड फ्यूरियस' फ्रैंचाइज़ी जैसी फिल्मों ने चीनी सिनेमाघरों में सैकड़ों मिलियन डॉलर की कमाई की थी।

लेकिन अब स्थिति बदली है। 2024 में, अमेरिकी फिल्मों ने चीन में सिर्फ 585 मिलियन डॉलर की कमाई की, जबकि चीनी बॉक्स ऑफिस का कुल मूल्य 17.71 बिलियन डॉलर रहा। यानी अमेरिकी फिल्मों की भागीदारी केवल 3.5 प्रतिशत रही, जो एक दशक पहले की तुलना में बेहद कम है।

इस बदलाव की एक बड़ी वजह चीन में स्थानीय फिल्मों की जबरदस्त सफलता है। उदाहरण के लिए, 2025 में रिलीज हुई 'Ne Zha 2' नामक चीनी एनिमेटेड फिल्म ने 2.1 बिलियन डॉलर की कमाई कर, न केवल घरेलू रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सबसे ज्यादा कमाने वाली एनिमेटेड फिल्म बन गई।

बड़े प्रोजेक्ट्स पर अनिश्चितता

इस प्रतिबंध के कारण अब कई बहुप्रतीक्षित हॉलीवुड फिल्मों की चीन में रिलीज पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इनमें शामिल हैं—

  • पैरामाउंट की 'Mission Impossible – The Final Reckoning'

  • वार्नर ब्रदर्स की नई 'Superman' फिल्म

  • मार्वल स्टूडियोज की 'Fantastic Four' की रीमेक

इन फिल्मों में चीन के बॉक्स ऑफिस से मोटी कमाई की उम्मीद थी, लेकिन अब इनकी रिलीज पर असमंजस बना हुआ है। खासतौर से मार्वल यूनिवर्स, जो पहले चीन में बेहद लोकप्रिय था, अब लगातार सेंसरशिप और राजनीतिक विवादों के चलते पिछड़ रहा है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और ट्रंप की प्रतिक्रिया

ट्रंप प्रशासन द्वारा चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाने की नीति, अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने की कोशिश का हिस्सा रही है। ट्रंप अक्सर चीन पर अमेरिका की तकनीकी और औद्योगिक ताकत को ‘चोरी’ करने का आरोप लगाते रहे हैं। वहीं चीन का कहना है कि अमेरिका, वैश्विक व्यापार के स्थापित नियमों का उल्लंघन कर रहा है।

गुरुवार को एक कैबिनेट मीटिंग में राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मुद्दे को हल्के-फुल्के अंदाज में लिया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैंने इससे भी बुरा सुना है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “चीन ने वर्षों तक अमेरिका का फायदा उठाया है, और अब हम केवल टेबल को रीसेट कर रहे हैं।”

हालांकि ट्रंप की यह प्रतिक्रिया दिखाती है कि वे इस सांस्कृतिक जवाबी कार्रवाई को फिलहाल ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, लेकिन हॉलीवुड से जुड़े विश्लेषकों का मानना है कि यह भविष्य के व्यापारिक संबंधों को और अधिक जटिल बना सकता है।

हॉलीवुड की चुप्पी या रणनीति?

दिलचस्प बात यह है कि हॉलीवुड की बड़ी स्टूडियोज़ और निर्माता इस मुद्दे पर अभी तक कोई ठोस बयान देने से बच रहे हैं। कारण स्पष्ट है—वे चीन जैसे बड़े बाजार को पूरी तरह खोना नहीं चाहते। पिछले वर्षों में कई हॉलीवुड फिल्में, खासतौर पर सुपरहीरो फिल्मों में, जानबूझकर चीनी दर्शकों को ध्यान में रखकर कंटेंट, कैरेक्टर और लोकेशन शामिल करती रही हैं। हालांकि यह रणनीति अब उतनी सफल नहीं दिख रही। चीन सरकार, खासकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल में, घरेलू सांस्कृतिक पहचान और "सॉफ्ट पावर" को बढ़ावा देने के पक्ष में रही है। अमेरिकी प्रभाव को कम करने की यह रणनीति केवल व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि शिक्षा, टेक्नोलॉजी और अब मनोरंजन क्षेत्र तक फैलती जा रही है।

क्या यही अंत है?

यह स्पष्ट है कि चीन और अमेरिका के बीच जारी व्यापार युद्ध अब एक बहुआयामी संघर्ष बन चुका है। जहां एक ओर आर्थिक मोर्चे पर टैरिफ, निर्यात और निवेश पर हमले हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अब फिल्म, मीडिया और संस्कृति को भी हथियार बनाया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह तनाव इसी तरह बढ़ता रहा, तो न सिर्फ हॉलीवुड, बल्कि अन्य वैश्विक रचनात्मक उद्योगों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 

Post a Comment

Previous Post Next Post