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तीसरी सऊदी यात्रा में मोदी का बड़ा एजेंडा: हज कोटे में इज़ाफ़ा, अंतरिक्ष और रक्षा सहयोग पर 6 से ज़्यादा अहम समझौते samjhote Aajtak24 News |
नई दिल्ली - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीसरी सऊदी अरब यात्रा पर मंगलवार को जेद्दा पहुंचेंगे। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूती देने के साथ-साथ छह से अधिक महत्वपूर्ण समझौतों (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। वहीं, इस यात्रा में हज कोटे को लेकर होने वाली बातचीत भी केंद्र में रहेगी, जो भारत के लाखों मुस्लिम तीर्थयात्रियों के लिए अत्यंत महत्व रखती है। यह यात्रा इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि यह पिछले 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली जेद्दा यात्रा है। मोदी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस एवं प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर वहां पहुंचेंगे। जेद्दा, जो ऐतिहासिक रूप से भारत-सऊदी अरब व्यापार और धार्मिक संपर्क का एक प्रमुख केंद्र रहा है, इस बार दोनों देशों के बढ़ते संबंधों का साक्षी बनने जा रहा है।
हज कोटा और भारतीय तीर्थयात्रियों पर होगी विशेष बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी क्राउन प्रिंस के बीच होने वाली बैठक में हज कोटे पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भारत सरकार ने हाल ही में साल 2025 के लिए हज कोटे को 136,020 से बढ़ाकर 1,75,025 कर दिया है, जिसमें से 1,22,518 तीर्थयात्रियों की व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। हालांकि, संयुक्त हज समूह संचालकों की देरी के चलते लगभग *42,000 भारतीयों के हज यात्रा से वंचित रहने की संभावना जताई जा रही है।
सऊदी अरब में भारतीय राजदूत सुहेल एजाज खान ने कहा, “जेद्दा भारत-सऊदी अरब संबंधों का केंद्र बिंदु है। यह न केवल व्यापार का प्रवेशद्वार है बल्कि मक्का जाने वाले हज और उमराह यात्रियों की पहली मंज़िल भी है। इस दृष्टिकोण से यह यात्रा दोनों देशों के सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्तों को नई दिशा दे सकती है।”
6 से अधिक MoU, देर रात तक जारी रही बातचीत
सूत्रों के अनुसार सोमवार देर रात तक दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल के बीच कई दौर की बातचीत चली, जिसमें 12 से अधिक समझौतों पर चर्चा की गई। इनमें से कम से कम छह पर मंगलवार को हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।
ये संभावित समझौते निम्नलिखित क्षेत्रों में हो सकते हैं:
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अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीकी सहयोग
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ऊर्जा क्षेत्र में निवेश और संयुक्त उपक्रम
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स्वास्थ्य सेवाओं में अनुसंधान और आपसी मदद
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विज्ञान एवं वैज्ञानिक शोध में साझेदारी
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संस्कृति और विरासत संरक्षण
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उन्नत प्रौद्योगिकी और नवाचार
इसके अलावा रक्षा, व्यापार और निवेश से जुड़े अतिरिक्त समझौतों को अंतिम रूप देने के प्रयास भी मोदी की यात्रा से 24 घंटे पहले तक जारी रहे।
श्रमिकों और भारतीय समुदाय से संवाद
प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान सऊदी अरब में कार्यरत भारतीय श्रमिकों से मुलाकात करेंगे और एक फैक्टरी का भी दौरा करेंगे, जहां बड़ी संख्या में भारतीय कामगार कार्यरत हैं। यह कदम भारत और सऊदी अरब के मानव संसाधन सहयोग को नई दिशा देने की पहल है।
रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक
प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान 2019 में स्थापित रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे। यह परिषद भारत-सऊदी अरब के दीर्घकालिक रणनीतिक हितों को मजबूत करने की दिशा में एक प्रमुख मंच है। बैठक में द्विपक्षीय सहयोग के अलावा पर्यावरण, डिजिटल परिवर्तन, और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर भी चर्चा हो सकती है।
2016 में मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी को 2016 में सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'द किंग अब्दुलअज़ीज़ सैश' प्रदान किया गया था, जो दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास और सम्मान का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा केवल कूटनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत और सऊदी अरब के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और रणनीतिक संबंधों की एक नई इबारत लिखने की दिशा में एक ठोस कदम है। हज कोटा, भारतीय प्रवासियों की स्थिति, उन्नत तकनीक और रक्षा से लेकर अंतरिक्ष और विज्ञान तक—यह यात्रा एक समग्र साझेदारी की ओर बढ़ता भारत का कदम है, जिसकी गूंज केवल रियाद और जेद्दा में नहीं, बल्कि दिल्ली और मक्का तक सुनाई देगी। अगर आप चाहें तो इस खबर को किसी विशेष कॉलम में जैसे "अंतरराष्ट्रीय रिश्ते", "धार्मिक संवाद", "आर्थिक सहयोग" आदि भागों में भी बाँटा जा सकता है।