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बदायूं में मुंडन संस्कार से लौट रहे हिंदू परिवार पर मुस्लिम युवकों ने किया हमला, महिलाओं से लूटपाट, 30 लोग घायल ghayal Aajtak24 News |
बदायूं - उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में धार्मिक असहिष्णुता और सामुदायिक तनाव को भड़काने वाली एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां मुंडन संस्कार से लौट रहे एक हिंदू परिवार पर मुस्लिम युवकों की भीड़ ने अचानक हमला कर दिया। यह परिवार ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर ढोल-मंजीरे और भजन-कीर्तन के साथ अपने गांव लौट रहा था। रास्ते में कुतरई गांव के चौराहे पर कुछ मुस्लिम युवकों ने पहले अभद्र भाषा का प्रयोग किया और फिर आगे जाकर ट्रैक्टर का रास्ता रोक लिया। आरोप है कि हमलावरों ने लाठी, डंडों और लोहे की रॉड से हमला कर महिलाओं व बच्चों समेत 30 लोगों को घायल कर दिया। महिलाओं के आभूषण लूट लिए गए और उनसे अभद्रता की गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन तब तक अधिकांश आरोपी फरार हो चुके थे। देर रात पुलिस ने तीन हमलावरों को गिरफ्तार किया और प्रधान सहित 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि भजन गाने और धार्मिक गीतों की वजह से यह हमला हुआ। इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक सौहार्द और कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता खड़ी कर दी है।
मुंडन संस्कार के बाद घर लौट रहे थे लोग
सिमरिया गांव निवासी अंकित के बेटे का सोमवार को सैंजरी के शिव मंदिर में मुंडन संस्कार हुआ था। मुंडन के बाद परिजन और रिश्तेदार ढोलक और मंजीरे बजाते हुए, भजन-कीर्तन करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली से घर लौट रहे थे। शाम करीब सात बजे जब यह परिवार मुस्लिम बहुल कुतरई गांव के चौराहे से गुजर रहा था, तभी कुछ युवकों ने भजन की आवाज सुनकर गाली-गलौज शुरू कर दी। पहले तो यह युवक आगे निकल गए, लेकिन कुछ ही दूरी पर सड़क पर बाइकें आड़ी-तिरछी लगाकर रास्ता रोक लिया गया।
अचानक शुरू हुआ हमला, महिलाओं को बनाया निशाना
जैसे ही ट्रैक्टर-ट्रॉली रुकी, दर्जनों युवक लाठी-डंडे और लोहे की रॉड लेकर ट्रॉली पर टूट पड़े। हमलावरों ने महिलाओं और बच्चों तक को नहीं बख्शा। महिलाओं से न केवल अभद्रता की गई बल्कि उनके गहने भी नोच लिए गए। घायल महिलाओं में किरन, कविता, उर्मिला समेत कई नाम शामिल हैं। चीख-पुकार मचने पर कुछ राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक हमलावर बड़ी संख्या में हमला कर चुके थे और ट्रॉली सवार लोग खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।
पुलिस पहुंची देर से, हमलावर हो गए फरार
घटना की जानकारी मिलते ही अलापुर थाना प्रभारी उदयवीर सिंह कुछ पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक अधिकांश हमलावर फरार हो चुके थे। बाद में एसडीएम सदर मोहित कुमार और सीओ केके तिवारी अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। देर रात पीड़ित परिवार ने गांव के प्रधान समेत 10 लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। शेष आरोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
धार्मिक असहिष्णुता का गंभीर संकेत
पीड़ित पक्ष का साफ आरोप है कि ढोलक बजाने और भजन गाने को लेकर समुदाय विशेष के युवकों ने हमला किया। इससे पहले भी कुछ स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणियों की घटनाएं सामने आती रही हैं, मगर इस घटना ने धार्मिक सहिष्णुता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से गांव में धार्मिक गतिविधियों को लेकर तनाव बढ़ा है, ऐसे हमलों की आशंका बनी हुई थी। बावजूद इसके पुलिस की सक्रियता में कमी दिखाई दी, जिसका परिणाम इस हिंसक हमले के रूप में सामने आया।
प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा, आरोपितों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन
घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। एहतियातन गांव और आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने हालात पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने भी आश्वासन दिया है कि घटना में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और सभी आरोपितों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ितों की मांग: हो त्वरित न्याय
हमले में घायल परिवारों ने जिला प्रशासन से त्वरित न्याय और हमलावरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। पीड़ितों का कहना है कि यदि समय रहते पुलिस पहुंचती तो हमले को रोका जा सकता था। परिवार वालों ने यह भी आशंका जताई है कि हमलावर दोबारा हमला कर सकते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए