छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन: सुरक्षाबलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई में 17 नक्सली ढेर dher Aajtak24 News


 छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन: सुरक्षाबलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई में 17 नक्सली ढेर dher Aajtak24 News 

रायपुर - छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित घने जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच बीते कुछ दिनों से चल रही भीषण मुठभेड़ ने एक बार फिर पूरे देश का ध्यान बस्तर अंचल की ओर खींचा है। यह मुठभेड़ सिर्फ एक आम कार्रवाई नहीं, बल्कि नक्सलवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और सुनियोजित जवाबी कार्रवाई के रूप में सामने आई है। बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के करीब 1500 जवानों की संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान ने इस बार नक्सलियों को बुरी तरह झकझोर दिया है। अभी तक कुल 17 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, जिनमें कई वांछित कमांडर शामिल बताए जा रहे हैं। यह ऑपरेशन न केवल सुरक्षाबलों की रणनीतिक सफलता का उदाहरण है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि जंगलों में पनप रही हिंसक विचारधारा अब अंतिम सांसें गिन रही है। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और नक्सली साहित्य बरामद हुए हैं। ऑपरेशन अब भी जारी है, और संभावना जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और भी बढ़ सकती है। यह अभियान एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है, जहां से बस्तर के जंगलों में शांति की नयी शुरुआत हो सकती है।

ऑपरेशन का आरंभ: खुफिया जानकारी से शुरू हुई कार्रवाई

सुरक्षा एजेंसियों को बीजापुर के पुजारी कांकेर, मारुडबाका और कर्रीगुटा के घने जंगलों में बड़ी संख्या में नक्सलियों के जमा होने की खुफिया सूचना मिली थी। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए छत्तीसगढ़ की डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), कोबरा बटालियन और सीआरपीएफ के जवानों ने तेलंगाना ग्रेहाउंड के सहयोग से ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया। 

गुरुवार सुबह से ही घेराबंदी की गई और जैसे ही जवान जंगलों में दाखिल हुए, नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला और घंटों तक जंगल में गोलियों की आवाजें गूंजती रहीं।

 तीन स्तरों पर ऑपरेशन: घेराबंदी, जवाबी हमला और सर्च

  1. घेराबंदी:
    बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के विभिन्न रास्तों से सुरक्षाबलों ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। हर दिशा से जवानों की टुकड़ियों ने जंगलों की ओर कूच किया।

  2. मुठभेड़:
    जंगलों में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों को देखते ही हमला किया। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने गोलियों से नक्सलियों को ढेर कर दिया।

  3. सर्च ऑपरेशन:
    मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ, जिसमें अब तक एलएमजी, एके-47, बैरल ग्रेनेड लांचर सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद और नक्सली साहित्य बरामद हुआ है।

कर्रीगुटा जंगलों में तीन, मारुडबाका में 12 और अन्य इलाकों में दो नक्सली ढेर

पहली मुठभेड़ तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित कर्रीगुटा जंगलों में हुई, जहां तीन नक्सली मारे गए। इसके बाद बीजापुर जिले के मारुडबाका जंगलों में एक बड़े नक्सली कैम्प को निशाना बनाया गया, जिसमें 12 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। अन्य मुठभेड़ में दो और नक्सलियों के मारे जाने की खबर है।

ऑपरेशन में शामिल बलों की सूची

  • डीआरजी बीजापुर

  • डीआरजी सुकमा

  • डीआरजी दंतेवाड़ा

  • कोबरा 204, 205, 206, 208, 210

  • सीआरपीएफ की केंद्रीय टीम

  • तेलंगाना ग्रेहाउंड फोर्स

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का बयान

बीजापुर एसपी जितेन्द्र यादव ने बताया, “इलाके में कई वर्षों से सक्रिय हार्डकोर नक्सलियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी। मुठभेड़ के बाद भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए हैं। सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।”

बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने कहा, “यह अभियान अब तक का सबसे सफल ऑपरेशन है। जवानों की सूझबूझ और ताकत ने एक बड़ा खतरा टाल दिया है।

नक्सलियों पर चौतरफा दबाव, तेलंगाना की ओर भाग रहे हैं

जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ पुलिस के दबाव के कारण अब नक्सली तेलंगाना के सीमावर्ती इलाकों की ओर भागने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच तेलंगाना ग्रेहाउंड ने नंबी कोर गुट्टा पहाड़ी पर जबरदस्त घेराबंदी की और वहां भी मुठभेड़ में कई नक्सलियों को ढेर किया गया।

पहले भी मिली थी बड़ी सफलता

इससे पहले 2 अप्रैल को बीजापुर जिले के गंगालूर इलाके में नक्सलियों की कंपनी नंबर दो के साथ हुई मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए थे, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं। तब भी भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया था।

मुठभेड़ स्थल से बरामद सामग्री

  • 1 लाइट मशीन गन (LMG)

  • 2 एके-47 राइफल

  • 1 बैरल ग्रेनेड लांचर (BGL)

  • भारी मात्रा में कारतूस और हैंड ग्रेनेड

  • नक्सली साहित्य, वॉकी-टॉकी, नक्शे

ऑपरेशन की राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस सफल ऑपरेशन के बाद केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस की सराहना की है। नक्सल प्रभावित राज्यों में यह संदेश गया है कि अब कोई भी हिंसा को अंजाम देकर बच नहीं सकता। गृह मंत्रालय ने इस अभियान को "आतंक के सफाए की दिशा में निर्णायक कदम" बताया है।

सुरक्षाबलों की रणनीति: अब होगा गहराई से सफाया

बस्तर और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की रणनीति अब और अधिक आक्रामक हो गई है। जंगलों में अब लगातार ड्रोन, घातक कैमरे और मैनुअल स्काउटिंग से निगरानी की जा रही है। आने वाले दिनों में कई और बड़े ऑपरेशनों की संभावना है।

नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार

छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर जारी यह अभियान नक्सलवाद पर सबसे प्रभावशाली और निर्णायक प्रहारों में से एक है। सुरक्षा बलों का मनोबल चरम पर है, और अब यह साफ हो चुका है कि नक्सली विचारधारा न तो जंगलों में टिक सकती है और न ही बंदूकों के दम पर शासन कर सकती है।

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