कुलगाम में घिरा TRF का टॉप आतंकी, सेना का जोरदार एनकाउंटर, पहलगाम हमले के दोषियों पर शिकंजा sikanja Aajtak24 News

 

कुलगाम में घिरा TRF का टॉप आतंकी, सेना का जोरदार एनकाउंटर, पहलगाम हमले के दोषियों पर शिकंजा sikanja Aajtak24 News 

जम्मू-कश्मीर - कश्मीर घाटी एक बार फिर उस निर्णायक युद्ध का मैदान बन चुकी है जहाँ एक ओर निर्दोषों के लहू की पुकार है तो दूसरी ओर सुरक्षा बलों की गूंजती गोलियों की गूंज। पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के मुख्य दोषियों को अब सेना ने कुलगाम के तंगमर्ग क्षेत्र में घेर लिया है। इस मुठभेड़ में आतंकी संगठन टीआरएफ (The Resistance Front) का टॉप कमांडर सेना के घेरे में है। टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का ही पाकिस्तान समर्थित नकाबपोश संगठन है जो पिछले कुछ वर्षों से कश्मीर में स्लीपर सेल्स और छोटे समूहों के ज़रिए बड़ी घटनाओं को अंजाम देता आ रहा है। रविवार को पहलगाम में हुए जघन्य नरसंहार में इसी संगठन के आतंकियों ने सैलानियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी, और 17 घायल हो गए थे।

कुलगाम में फंसा टीआरएफ कमांडर, एनकाउंटर जारी

जानकारी के अनुसार, कुलगाम जिले के तंगमर्ग गांव में सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की सटीक सूचना मिली थी, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के संयुक्त बल ने इलाके की घेराबंदी की।
घने जंगल और पहाड़ी इलाका होने के कारण ऑपरेशन बेहद सावधानीपूर्वक चलाया जा रहा है। सेना के अनुसार, आतंकियों से लगातार गोलीबारी हो रही है और माना जा रहा है कि उनमें से एक टीआरएफ का वांछित कमांडर है जो पहलगाम हमले का मुख्य साजिशकर्ता है।

पहलगाम नरसंहार: धर्म पूछकर चलाई गई गोलियाँ

इस हमले ने सिर्फ जानें नहीं लीं, बल्कि देश की आत्मा को झकझोर दिया। चश्मदीदों के अनुसार, आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों और स्थानीय लोगों से धर्म पूछकर गोली चलाई। यह हमला आतंकवाद के उस क्रूर चेहरे को उजागर करता है जो न केवल आतंक फैलाना चाहता है, बल्कि सांप्रदायिक विभाजन भी पैदा करना चाहता है।

भारत सरकार ने इस हमले के बाद उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा की और सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति दोहराई। NSA अजित डोभाल ने स्पष्ट कहा —
"हम अब केवल सुरक्षा नहीं देंगे, बल्कि जवाब देंगे — निर्णायक और अंतिम।

उरी सेक्टर में घुसपैठ नाकाम, दो आतंकी ढेर

उधर उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) पर एक और बड़ी कामयाबी में सेना ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए दो पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया है। 161 इन्फैंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर मयंक शुक्ला ने बताया कि बीती रात उरी नाले के पास पाकिस्तान से आए दो से तीन आतंकी भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे।

सेना की सतर्क निगरानी, ड्रोन की निगरानी और घातक दल की तैनाती ने घुसपैठियों को रोका और दो घंटे चले ऑपरेशन में दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया। उनके पास से AK-47, हैंड ग्रेनेड और पाकिस्तान निर्मित संचार उपकरण बरामद किए गए हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित कार्यवाही और अब तक की बड़ी कार्रवाई:

  1. कुलगाम एनकाउंटर: टीआरएफ का टॉप कमांडर सेना के घेरे में

  2. उरी में घुसपैठ नाकाम: दो आतंकी ढेर, हथियार जब्त

  3. 15 से अधिक इलाकों में तलाशी अभियान: पहलगाम, अनंतनाग, बैसरन, डोडा और पुलवामा में

  4. राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट: R&AW, IB और NIA का समन्वित अभियान

सामरिक दृष्टिकोण से संदेश स्पष्ट है: अब की बार निर्णायक जवाब

विश्लेषकों का मानना है कि यह दोहरी कार्रवाई — एक तरफ सीमापार से हो रही घुसपैठ को रोकना और दूसरी ओर घाटी में छिपे हमलावरों को समाप्त करना — भारत की बदली हुई कश्मीर नीति का हिस्सा है, जहाँ केवल रक्षा नहीं, आक्रामक रुख अपनाया जा रहा है।

वरिष्ठ सामरिक विश्लेषक मेजर जनरल (से.नि.) संजय कुलकर्णी कहते हैं:
"अब हम पहले इंतज़ार नहीं करते कि आतंकी हमला करें, अब हम पहले घेरते हैं और खत्म करते हैं — यही बदलता हुआ भारत है। कुलगाम के जंगलों में गूंजती गोलियाँ सिर्फ आतंकियों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि यह आवाज है उस क्रांति की जो कश्मीर को फिर से शांति की धरती बनाने के लिए लड़ी जा रही है। पहलगाम का हर आँसू अब प्रतिशोध की प्रेरणा है, और हर सैनिक की बंदूक उस आँसू का उत्तर।



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