कलेक्टोरेट के जी-12 रूम में ताले, कक्ष में पटवारियों के नहीं मिलने से लोग परेशान pareshan Aajtak24 News


कलेक्टोरेट के जी-12 रूम में ताले, कक्ष में पटवारियों के नहीं मिलने से लोग परेशान pareshan Aajtak24 News 

इंदौर - आवेदकों की सुविधा के लिए कलेक्टर ऑफिस के ग्राउंड फ्लोर स्थित जी-12 रूम को पटवारी कक्ष बनाया गया है। यहां पटवारी के बैठने की सभी सुविधाएं भी प्रशासन द्वारा की गई हैं। इसके बाद भी इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि इस रूम के गेट में ताले डले रहते हैं। यहां आवेदक को आने पर उन्हें निराशा ही मिलती है, क्योंकि इस रूम में पटवारी मिलते ही नहीं। शासन द्वारा पटवारी को एक दिन जिला मुख्यालय में मौजूद रहने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद भी पटवारी कलेक्टर ऑफिस स्थित पटवारी कक्ष जी-12 में कभी मिलते ही नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले आवेदकों ने बताया कि तहसील ऑफिस में पूछने पर बताते हैं कि सभी पटवारी के नंबर की लिस्ट चिपकाई गई है उस मोबाइल नंबर पर बात कर लें। जब मोबाइल नंबर पर बात की जाती है तो पटवारी द्वारा बताया जाता है कि वह फील्ड में है। अब यह तो भगवान ही जानता है कि वह कौन सी फील्ड में हैं, जबकि वे जिस गांव में पदस्थ हैं, उसी गांव का व्यक्ति उन्हें उनके ही आफिस से फोन लगा रहा है।

जानकारी अनुसार कलेक्टर ऑफिस के जी-12 रूम को पटवारी के बैठने के लिए नियत किया गया है। हालांकि इस रूम में पटवारी मिलते ही नहीं। अधिकांश इस रूम के गेट पर ताला ही डला रहता है। यहां आने वाले आवेदक जब रूम पर ताला डाल देखते हैं तो अन्य कर्मचारियों से पूछताछ करते हैं और संतुष्टि कारक जवाब नहीं मिलने पर निराश होकर लौट जाते हैं। बताया जाता है कि इस रूम को विधानसभा चुनाव के पूर्व कंट्रोल रूम बनाया गया था। उसके बाद से ही यह रूम बदल पड़ा है। सिर्फ ऐसा ही नहीं है कि विधानसभा चुनाव के समय ही इस रूम की दुर्दशा हुई हो इसके पूर्व भी इस रूम में पटवारियों को यदा-कदा ही देखा गया है। इस स्थिति को देखते हुए एक बात तो समझी जा सकती है कि तहसीलदारों का पटवारियों पर नियंत्रण कम ही प्रतीत होता है। वह भी ऐसी स्थिति में जब सप्ताह में एक दिन कलेक्टर ऑफिस में उपस्थित रहने के लिए पटवारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।



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