चारधाम यात्रा के लिए 19 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन, तैयारियों में जुटा प्रशासन prasasan Aajtak24 News |
देहरादून - उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा इस वर्ष श्रद्धा और व्यवस्था दोनों के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण बन गई है। 30 अप्रैल 2024 से आरंभ होने जा रही इस पावन यात्रा के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु उमड़ने लगे हैं। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, 19 लाख से अधिक लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से रजिस्ट्रेशन करा लिया है। यह संख्या अब तक के इतिहास में सर्वाधिक मानी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य के धर्मस्व व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज व्यक्तिगत रूप से तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी भी श्रद्धालु को यात्रा के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
चारधाम यात्रा: आस्था, परंपरा और श्रद्धा का संगम
चारधाम यात्रा हिन्दू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है। इसमें उत्तराखंड स्थित यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम आते हैं। प्रत्येक वर्ष अप्रैल-मई में इन मंदिरों के कपाट खुलते हैं और लाखों की संख्या में श्रद्धालु इन स्थानों की कठिन यात्रा पर निकलते हैं। यह यात्रा केवल भक्ति का प्रतीक नहीं, बल्कि साहस, सेवा और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की जीवंत अभिव्यक्ति भी होती है।
अब तक कितने श्रद्धालुओं ने कराया रजिस्ट्रेशन?
उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 8 अप्रैल 2024 तक 19 लाख से अधिक यात्रियों ने चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है। रजिस्ट्रेशन का यह आंकड़ा बीते वर्षों की तुलना में कहीं अधिक है, जिससे इस बार की यात्रा की भव्यता और प्रशासनिक चुनौती का अनुमान लगाया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन की स्थिति (8 अप्रैल तक):
केदारनाथ: 6.48 लाख
बद्रीनाथ: 5.74 लाख
गंगोत्री: 3.10 लाख
यमुनोत्री: 3.05 लाख
हेमकुंड साहिब: 32,000+
श्रद्धालुओं के बढ़ते उत्साह को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और अधिक सरल और डिजिटल बनाया है। लोग वेबसाइट, मोबाइल एप और टूरिस्ट सुविधा केंद्रों से पंजीकरण करवा रहे हैं।
कपाट खुलने की तिथियां घोषित
चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री और गंगोत्री धाम से होती है, जिसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं। इस बार कपाट खुलने की तारीखें इस प्रकार हैं:
30 अप्रैल: यमुनोत्री और गंगोत्री
2 मई: केदारनाथ
4 मई: बद्रीनाथ
25 मई: हेमकुंड साहिब
इन तिथियों को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक अमले ने सुरक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन और रहने की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने का दावा किया है।
सरकार की तैयारियां: CM और मंत्री स्वयं कर रहे हैं निगरानी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में देहरादून में उच्चस्तरीय बैठक कर यात्रा से संबंधित सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “चारधाम यात्रा न केवल उत्तराखंड की पहचान है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आत्मा से जुड़ी हुई है। हमारा प्रयास है कि हर श्रद्धालु को सुरक्षित, सहज और सुखद यात्रा अनुभव मिले। धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी दी कि यात्रा मार्ग पर स्थित जिलों को 12 करोड़ 75 लाख रुपए की धनराशि जारी की गई है, जिससे मार्गों की मरम्मत, सुरक्षा इंतजाम, चिकित्सा सुविधा और पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा, “सरकार पूरी तरह से तैयार है और सभी स्टेकहोल्डर्स से लगातार समन्वय बनाया जा रहा है।
यात्रा मार्गों की स्थिति और प्रशासन की रणनीति
उत्तराखंड की पहाड़ी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यात्रा मार्ग पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की जा रही हैं। साथ ही:
यात्रा मार्गों पर 50 से अधिक स्वास्थ्य शिविर स्थापित किए जा रहे हैं।
प्रत्येक 10 किलोमीटर पर पुलिस सहायता केंद्र बनाए गए हैं।
GPS आधारित वाहन ट्रैकिंग सिस्टम और CCTV निगरानी से सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
हेलीकॉप्टर सेवाएं इमरजेंसी की स्थिति में तैनात रहेंगी।
स्वास्थ्य जांच और दिशा-निर्देशों की अनिवार्यता
राज्य सरकार ने अपील की है कि सभी श्रद्धालु यात्रा पर निकलने से पहले अपनी स्वास्थ्य जांच अवश्य करवाएं। विशेष रूप से हृदय रोगी, बुजुर्ग और छोटे बच्चों के साथ यात्रा पर जाने वाले लोगों को सावधानी बरतने को कहा गया है। यात्रियों को निम्नलिखित निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा:
रजिस्ट्रेशन के बिना यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मास्क, सैनिटाइज़र और गर्म कपड़े साथ रखें।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी से बचने के लिए आराम से यात्रा करें।
स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
साधना और ध्यान केंद्रों की स्थापना: आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा
नैनीताल जिले के चौरसा क्षेत्र में हाल ही में धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने ‘साधना ध्यान उपवन केंद्र’ का उद्घाटन किया। यह केंद्र सभी धर्मों के साधकों के लिए खुला रहेगा और यहाँ से विश्व शांति का संदेश प्रसारित किया जाएगा। आनंद लामा के नेतृत्व में स्थापित यह केंद्र उत्तराखंड में आध्यात्मिक पर्यटन को एक नई दिशा देने का प्रयास है।
जनता की प्रतिक्रिया और श्रद्धा का ज्वार
राज्य के हर कोने में इस समय चारधाम यात्रा की ही चर्चा है। तीर्थपुरोहितों, स्थानीय व्यापारियों और होटलों के मालिकों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। होटल और धर्मशालाएं श्रद्धालुओं की बुकिंग से पहले ही लगभग भर चुकी हैं। टैक्सी चालकों, दुकानदारों और गाइड्स के लिए यह समय साल का सबसे व्यस्त और लाभकारी माना जाता है।
निष्कर्ष: आस्था, सुरक्षा और प्रबंधन का उत्कृष्ट समन्वय
चारधाम यात्रा 2024 उत्तराखंड सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती और अवसर दोनों है। एक ओर इसे सफलतापूर्वक आयोजित करना राज्य की प्रशासनिक क्षमताओं का परिचायक होगा, तो दूसरी ओर लाखों श्रद्धालुओं को एक दिव्य अनुभव देना उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को सशक्त बनाएगा। रजिस्ट्रेशन के बढ़ते आंकड़े, प्रशासन की सतर्कता और श्रद्धालुओं की आस्था यह साबित करते हैं कि इस बार की यात्रा विशेष और ऐतिहासिक होने वाली है।