विंध्य नायक के क्षेत्र में वर्तमान नायकों की दुर्दशा समाज सुरक्षित या सत्ता के हितैषी hiteshi Aajtak24 News


विंध्य नायक के क्षेत्र में वर्तमान नायकों की दुर्दशा समाज सुरक्षित  या सत्ता के हितैषी hiteshi Aajtak24 News 

रीवा - जिले और विंध्य क्षेत्र में नेतृत्व का सवाल हमेशा से समाज की प्राथमिकताओं से जुड़ा रहा है। ऐतिहासिक रूप से यह क्षेत्र नायकों की भूमि रहा है, जहाँ कभी नायकत्व समाज के न्याय और समानता की आवाज उठाने का प्रतीक हुआ करता था। लेकिन आज के हालात कुछ और ही तस्वीर पेश कर रहे हैं। आज की राजनीति में विंध्य क्षेत्र के नेताओं को जो प्रतिनिधित्व मिला है, वह क्षेत्र की जनसंख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के अनुरूप है। रीवा जिले की कुल आठ सीटों में चार पर एक ही धड़े का कब्जा है, जबकि शेष चार अन्य दलों के पास हैं। यह संतुलन दर्शाता है कि जनता ने अवसर प्रदान किया, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह प्रतिनिधित्व समाज के हित में कार्य कर रहा है।

क्या समाज सुरक्षित महसूस करता है।

समाज के कई वर्गों में असुरक्षा की भावना बनी हुई है। अपराध, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, सत्ता का ध्यान केवल राजनीतिक समीकरण साधने में अधिक रहता है। क्या वर्तमान नेता समाज के न्यायोचित मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठा रहे हैं? या फिर वे केवल सत्ता और अपने समर्थकों के लाभ के लिए काम कर रहे हैं।

सत्ता के समर्थक बनाम समाज के प्रतिनिधि

ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ नेता केवल सत्ता के प्रति निष्ठावान बने हुए हैं और आम जनता की समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं। वे जनता के नहीं, बल्कि सत्ता के संरक्षक बन गए हैं। विंध्य क्षेत्र के कई लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि क्या यह नेतृत्व वास्तविक रूप से समाज की समस्याओं के समाधान में रुचि रखता है या फिर केवल राजनीतिक समीकरणों को साधने में व्यस्त है।

न्याय और समाज की मांगों की अनदेखी

अगर समाज की समस्याओं की बात करें तो किसानों की परेशानी, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार जैसी बुनियादी जरूरतें आज भी अधूरी हैं। समाज इन नेताओं से यह सवाल पूछने का हक रखता है कि जब इन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है तो फिर समाज के मुद्दों को प्रभावी तरीके से क्यों नहीं उठाया जा रहा।

नायकत्व की परिभाषा पर पुनर्विचार जरूरी

यह समय है कि समाज विचार करे कि वह किन्हें अपना नायक मानता है। क्या वे वास्तव में समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं, या फिर केवल सत्ता की भक्ति में लगे हुए हैं? विंध्य क्षेत्र के नायक अगर सच में समाज के प्रति जवाबदेह हैं, तो उन्हें अपने कार्यों से इसे सिद्ध करना होगा। वरना, समाज को नए नेतृत्व की तलाश करनी होगी, जो सच्चे अर्थों में न्याय और समानता की लड़ाई लड़ सके।

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