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सनातन संस्कृति की दिव्य गूंज, श्रद्धालुओं की अपार आस्था |
रीवा - जिले की तहसील मनगवा के ग्राम पंचायत गढ़ (मोजरा) में संगीतमय श्रीमद् वाल्मीकि महापुराण कथा का भव्य आयोजन किया गया। इस पावन कथा का शुभारंभ 2 मार्च 2025, रविवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। कथा के दौरान आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति का अद्भुत संचार हुआ, जिससे पूरे क्षेत्र में धार्मिक उत्साह का वातावरण बन गया। कथा का विश्राम 10 मार्च 2025, सोमवार को हुआ, जिसके उपरांत 11 मार्च 2025, मंगलवार को तर्पण एवं भव्य ब्राह्मण भोजन (भंडारा) का आयोजन किया गया।
धर्म और श्रद्धा के प्रति गहरी आस्था
इस आयोजन में विशेष रूप से सूर्यदिन पटेल की सनातन धर्म के प्रति अटूट श्रद्धा और समर्पण चर्चा का विषय रहे। वे अब तक वाल्मीकि रामायण, श्रीमद्भागवत महापुराण, शिवपुराण सहित 21 महापुराणों का श्रवण कर चुके हैं और हर वर्ष धार्मिक अनुष्ठानों में सहभागी होते हैं। इसके अलावा, वे तीर्थ यात्राओं एवं माघ मास में कल्पवास का भी अनुष्ठान करते हैं, जिससे उनकी भक्ति और आध्यात्मिकता की गहराई स्पष्ट होती है।
कथा प्रसंग एवं आध्यात्मिक संदेश
कथावाचक प्रभाकर शास्त्री जी ने कथा के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की तपस्या का महत्वपूर्ण प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि माता पार्वती ने घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्राप्त किया, जो भक्ति, प्रेम और समर्पण का उत्तम उदाहरण है। इस कथा आयोजन का स्थल पीपल के वृक्ष तले स्थित प्राचीन शिव मंदिर था, जहां भगवान शिव एवं हनुमान जी विराजमान हैं। इस आध्यात्मिक आयोजन से श्रद्धालुओं को भक्ति और ध्यान का विशेष अवसर प्राप्त हुआ। वादक गायक के रूप में प्रमुख रूप से शंकर दयाल द्विवेदी ने अपनी भूमिका निभाई, जबकि बैंजो पर रामशरण सिंह बबलू और तबले पर महंत गोलू ने संगत दी। संगीत में भजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहे, जिनमें मधुर प्रिया संगीत की प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। साथ ही, महाराज जी का प्रवचन अत्यंत मनमोहक और प्रेरणादायक रहा।
व्यवस्था संचालन में पटेल परिवार की अहम भूमिका
इस भव्य कथा आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित करने में पटेल परिवार ने समर्पित योगदान दिया। व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित रखने में श्रीनिवास पटेल, धर्मेंद्र कुमार, नरेंद्र, अच्छेलाल, विजय, बृजेंद्र, सुशील, सत्येंद्र आदि ने श्रद्धालुओं के लिए सुचारू व्यवस्थाएं बनाई। वहीं, कथा में राहुल पटेल, आशीष पटेल, पिंटू पटेल, छोटू पटेल सहित समस्त पटेल समाज ने अपनी अपार श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लिया, जिससे आयोजन को भव्यता प्राप्त हुई।
श्रद्धालुओं का विशाल समागम
इस धार्मिक आयोजन में आसपास के गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु उमड़े। प्रमुख रूप से राजेश पाठक, उमेश सोनी, अच्छेलाल पटेल, सचिन सहित क्षेत्र के अनेक भक्तों ने कथा श्रवण कर पुण्यलाभ अर्जित किया।
सनातन धर्म के प्रति बढ़ती आस्था
आज के वैज्ञानिक युग में भी सनातन धर्म के प्रति अटूट आस्था देखने को मिली। भले ही कुछ लोग धर्म, हवन, पूजा-पाठ, ब्राह्मण भोजन के महत्व पर प्रश्न उठाते हैं, लेकिन यह आयोजन इस बात का प्रमाण बना कि आध्यात्मिक आस्था और सनातन परंपराएं कालजयी एवं वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित हैं।
श्रद्धा, भक्ति और धर्म का अद्भुत संगम
इस धार्मिक आयोजन ने श्रद्धालुओं को गहरी आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान की। भक्ति, सेवा और समर्पण के इस अनुपम संगम से समाज में आध्यात्मिक चेतना का जागरण हुआ। सनातन धर्म की अमर ज्योति को जलाए रखने वाले इस आयोजन ने समाज को धर्म और संस्कृति से जोड़ने का अनुपम कार्य किया।