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देशभक्ति और जनसेवा का जज्बा, कुंभ मेले में पुलिस की अनुकरणीय सेवा sewa Aajtak24 News |
रीवा – कुंभ मेला, जो आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है, में इस बार पुलिस प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी का पूरी निष्ठा से निर्वहन किया। इस विशाल धार्मिक आयोजन में पुलिस ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखा, बल्कि जनसेवा की मिसाल भी पेश की। जहां आमतौर पर पुलिस को लेकर कुछ डर और संकोच होता है, वहीं इस बार कुंभ मेला में श्रद्धालु पुलिस को अपने रक्षक और सहयोगी के रूप में देख रहे हैं। पुलिस ने अपनी संवेदनशीलता और तत्परता से कई अवसरों पर मानवता की मिसाल पेश की। एक ऐसी घटना सामने आई, जब सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को पुलिस ने तुरंत चिकित्सा सहायता मुहैया कराई। यदि पुलिसकर्मी उस समय सतर्क न होते, तो परिणाम गंभीर हो सकते थे। इस घटना ने पुलिस के मानवीय दृष्टिकोण को उजागर किया और उनके कर्तव्य के प्रति समर्पण को स्पष्ट किया। कुंभ मेला में पुलिस प्रशासन की चौबीसों घंटे सेवा ने यह साबित कर दिया कि वे केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाले नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा में भी पूरी तरह से जुटे हुए हैं। टी.आई. श्रृंगेश सिंह राजपूत का योगदान खासतौर पर सराहनीय है। उन्होंने गंगेव कॉलेज के पास यातायात व्यवस्था को संभालते हुए माइक के माध्यम से श्रद्धालुओं को जरूरी सूचनाएं प्रदान की, जिससे उनकी यात्रा सहज और सुरक्षित बनी। कुंभ मेला की सफलता में जहां श्रद्धालुओं और साधु-संतों का योगदान महत्वपूर्ण है, वहीं पुलिस प्रशासन की तत्परता, अनुशासन और सेवा भावना ने इसे और भी प्रभावी बना दिया। पुलिस के इस समर्पण ने समाज में उनके प्रति सकारात्मक छवि को और मजबूत किया है। कुंभ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक ऐसा उदाहरण बन गया है, जिसमें देशभक्ति, जनसेवा और कर्तव्यपरायणता की सजीव तस्वीर देखी गई। पुलिस प्रशासन का यह प्रयास निश्चित रूप से समाज के लिए प्रेरणादायक है और यह साबित करता है कि जब सेवा और समर्पण को सर्वोपरि रखा जाए, तो किसी भी विशाल आयोजन को सुचारु रूप से सफल बनाया जा सकता है।