रीवा-प्रयागराज मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन मुस्तैद mustaid Aajtak24 News


रीवा-प्रयागराज मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन मुस्तैद mustaid Aajtak24 News 

रीवा - भारत में बढ़ती जनसंख्या और सीमित राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार तीर्थयात्राओं के दौरान एक बड़ी चुनौती बन चुका है। 2024 में देश की अनुमानित जनसंख्या 145 करोड़ के आसपास है, और सनातन धर्म में आस्था रखने वाले करोड़ों श्रद्धालु विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हैं। प्रयागराज में गंगा स्नान और कुंभ जैसे महापर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ अत्यधिक बढ़ जाती है, जिसके कारण यातायात व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ता है। 10 फरवरी 2025 की सुबह भी रीवा-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर हजारों वाहन जाम में फंसे हुए दिखाई दिए। रात 3 बजे तक वाहनों को निकाला गया था, लेकिन सुबह 5 बजे से फिर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगानी पड़ी। रीवा जिले का प्रशासन, संभागीय आयुक्त और अन्य कर्मचारी दिन-रात व्यवस्था सुधारने में जुटे हैं, फिर भी भीड़ को नियंत्रित करना एक कठिन कार्य बन गया है।

प्रयागराज में पार्किंग की समस्या बनी सबसे बड़ी चुनौती

रीवा-प्रयागराज मार्ग फोर-लेन हाईवे के रूप में विकसित हो चुका है, लेकिन प्रयागराज में पार्किंग व्यवस्था की कमी तीर्थयात्रियों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। लाखों श्रद्धालु अपने वाहनों से प्रयागराज पहुंच रहे हैं, लेकिन पार्किंग स्थलों की सीमित क्षमता के कारण प्रशासन को वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करना पड़ रहा है। नए वाहनों को तभी आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है, जब पार्किंग स्थल खाली होते हैं, ताकि सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जा सके और किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। लेकिन, श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या के कारण इस प्रक्रिया के बावजूद जाम की स्थिति लगातार बनी रहती है।

यात्रियों की सुविधाओं के लिए प्रशासनिक प्रयास

प्रयागराज में भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों के प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। पुलिस और प्रशासनिक अमला प्रमुख स्थानों पर तैनात है, और श्रद्धालुओं के लिए भोजन और पेयजल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, हालांकि इनकी संख्या पर्याप्त नहीं है। रीवा से प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को यातायात नियमों का पालन करने और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जा रही है।

अप्रत्याशित भीड़ से बढ़ी परेशानी

आमतौर पर अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे विशेष पर्वों के दौरान प्रयागराज में तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार, मुख्य पर्वों के समाप्त होने के बाद भी श्रद्धालुओं का प्रवाह जारी रहा। प्रशासन ने पहले इस अप्रत्याशित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई पूर्व योजना नहीं बनाई थी। होटल, धर्मशालाएँ और प्रशासनिक भोजनालय क्षमता से अधिक भरे हुए हैं। भीड़ नियंत्रण के प्रयास अब तक अपेक्षाओं के अनुसार सफल नहीं हो पाए हैं।

मध्य प्रदेश सरकार की सक्रियता

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को लेकर अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं। वे लगातार संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों से पल-पल की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और निर्देश दे रहे हैं कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री का स्पष्ट आदेश है कि गंगा स्नान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान बिना किसी बाधा के संपन्न हों।

बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता

प्रयागराज में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ ने यह साबित कर दिया है कि मौजूदा बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है। राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा करने की आवश्यकता है ताकि भारी यातायात को सही ढंग से संभाला जा सके। इसके अलावा, प्रयागराज में अतिरिक्त पार्किंग स्थलों का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि तीर्थयात्रियों को परेशानी न हो। भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए तीर्थ स्थलों पर यात्रियों की संख्या के हिसाब से पूर्व नियोजन की नीति अपनाई जानी चाहिए। प्रशासन अपनी पूरी क्षमता से प्रयास कर रहा है, लेकिन तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थायी समाधान की आवश्यकता है।

सड़क पर स्थिति में सुधार

दिनांक 10 फरवरी 2025 को दोपहर 2:30 बजे से जाम खुलने की खबर आई है। मनगवा तक जाम नहीं है और सभी वाहनों को अब आगे जाने की अनुमति दी जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग 30 और पश्चिमी मार्ग से प्रयागराज जाने वाले यात्री सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि इस मार्ग से 7-8 राज्यों के लोग आते हैं। वहीं, उत्तर और पूर्व दिशा से आने वाले यात्री अन्य मार्गों से प्रयागराज पहुंचते हैं।



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