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प्रयागराज आस्था कुंभ: श्रद्धा के सैलाब में प्रशासन के अनुमान पड़े कमजोर, भीड़ का उमड़ा सैलाब, प्रयागराज बना आस्था का केंद्र kendra Aajtak24 News |
प्रयागराज – सनातन धर्म में चार कुंभों में प्रयागराज का विशेष स्थान है, और माघ मास में त्रिवेणी संगम पर उमड़ती श्रद्धालुओं की भीड़ इस आस्था को और प्रबल बना रही है। प्रशासन के तमाम अनुमान धरे रह गए, क्योंकि बसंत पंचमी के बाद भी श्रद्धालुओं की संख्या में कमी नहीं आई। विश्वभर से लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने आ रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर यात्री वाहन बेहिसाब, रीवा प्रशासन ने संभाला मोर्चा
प्रयागराज जाने वाले मार्गों पर अत्यधिक यातायात दबाव से स्थिति विकट हो गई। रीवा से प्रयागराज की 138 किमी दूरी में हजारों वाहन फंसे रहे। मध्य प्रदेश के रीवा जिले से गुजरने वाले यात्रियों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि रीवा प्रशासन को उन्हें अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लेना पड़ा। चाकघाट, सोहागी, गंगेव, मनगवां, रायपुर, टोल प्लाजा जैसे स्थानों पर अस्थायी शिविर बनाए गए, जहां यात्रियों के ठहरने, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। रीवा जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग अनुरोध के तहत यात्रियों को नियंत्रित तरीके से आगे भेजने की व्यवस्था की। कलेक्टर प्रतिभा पाल अपार कलेक्टर सपना त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह स्वयं व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं। एसडीएम पी एस त्रिपाठी व अन्य अधिकारियों की देखरेख में यात्रियों की सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है।
भोजन-पानी की व्यवस्था, मगर मनमानी वसूली बनी चुनौती
श्रद्धालुओं के लिए दो बड़े स्वास्थ्य शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां निशुल्क दवा वितरण किया जा रहा है। भोजन सामग्री का भंडारण कर खिचड़ी वितरित की जा रही है, साथ ही अलाव की व्यवस्था भी की गई है। प्रशासन ने कर्मचारियों की 8-8 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी लगाई है ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो। हालांकि, भीड़ का फायदा उठाकर स्थानीय दुकानदार मनमानी वसूली कर रहे हैं। रीवा से प्रयागराज तक हर होटल पर भोजन-पानी के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। ठेले पर चार पूड़ी-सब्जी ₹70 में मिल रही है, जबकि होटल में वही भोजन ₹1500 तक में बेचा जा रहा है। एक बोतल पानी की कीमत ₹40 तक पहुंच गई है, जिससे यात्रियों को आर्थिक शोषण झेलना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा समस्या छोटे बच्चों के लिए दूध उपलब्ध न होने की वजह से हो रही है।
प्रयागराज प्रशासन के निर्देश पर वाहनों का नियंत्रित प्रवेश
दिनांक 7 फरवरी से 9 फरवरी 2025 तक भारी भीड़ के कारण वाहनों को रोककर क्रमबद्ध तरीके से छोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश प्रशासन प्रयागराज में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए नारीबारी सीमा से वाहनों के प्रवेश को नियंत्रित कर रहा है। जितने वाहन प्रयागराज से बाहर निकल रहे हैं, उतने ही नए वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है। यात्रियों की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए प्रशासन ने राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस, शिक्षा और सहकारिता विभाग की मदद से आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था के आगे प्रशासनिक तैयारियां नाकाफी साबित हो रही हैं। यात्रियों को रोकने के लिए कमरों की व्यवस्था श्रीयुत कॉलेज में की गई। रजाई गड्ढों सहित अन्य व्यवस्था की गई है।
संभावित समाधान और भविष्य की तैयारी
इस अप्रत्याशित भीड़ ने सरकार और प्रशासन को भविष्य में बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता का अहसास कराया है। वैकल्पिक पार्किंग स्थल, रूट डायवर्जन और श्रद्धालुओं के ठहरने की बेहतर व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारी इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि आने वाले वर्षों में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए अधिक प्रभावी योजनाएं लागू की जाएं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपनी आस्था को साकार कर सकें।