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टोल प्लाजा पर नियमों का उल्लंघन: घंटों जाम में फंसे यात्री, जिम्मेदार कौन koun Aajtak24 News |
रीवा - देशभर के कई टोल प्लाजा पर यात्रियों को घंटों जाम में फंसे रहने की समस्या लगातार बढ़ रही है, खासकर धार्मिक आयोजनों, मेले और पर्वों के दौरान। हाल ही में संपन्न कुंभ स्नान के दौरान भी यह समस्या और भी गंभीर हो गई, जब यात्रियों को टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में फंसे रहकर घंटों का समय बर्बाद करना पड़ा, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई।
सरकारी नियमों का उल्लंघन
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, अगर किसी वाहन को टोल प्लाजा से गुजरने में तीन मिनट से अधिक समय लगता है, तो उसे टोल टैक्स से छूट मिलनी चाहिए। इसके अलावा, यदि टोल प्लाजा पर लंबी कतारें और जाम की स्थिति है, तो सभी वाहनों को बिना शुल्क के आगे बढ़ने दिया जाना चाहिए। लेकिन वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है। कई टोल प्लाजा पर यात्रियों को बेवजह रोका जा रहा है और घंटों जाम में फंसा रहने के बावजूद उनसे टोल वसूला जा रहा है। यह न केवल सरकार के नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह नागरिकों के अधिकारों का भी हनन है।
सीसीटीवी फुटेज से जांच की आवश्यकता
हर टोल प्लाजा पर सीसीटीवी कैमरे लगे होते हैं, जिनसे यह पता चल सकता है कि किसी वाहन को कितने समय तक रोका गया। प्रशासन को इन फुटेज का नियमित रूप से निरीक्षण करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टोल ऑपरेटर सरकारी नियमों का पालन कर रहे हैं। यदि कोई वाहन तीन मिनट से अधिक समय तक टोल प्लाजा पर खड़ा रहता है, तो उससे टोल वसूला जाना नियमों के खिलाफ है और इस पर कड़ी जांच होनी चाहिए।
धार्मिक आयोजनों के दौरान विशेष व्यवस्था क्यों नहीं?
कुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में लाखों श्रद्धालु यात्रा करते हैं, जिनके कारण टोल प्लाजा पर अतिरिक्त दबाव होता है। ऐसे समय में यात्रियों को जाम से बचाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जानी चाहिए। सरकार को निम्नलिखित कदमों पर विचार करना चाहिए:
- अस्थायी टोल छूट – विशेष धार्मिक आयोजनों के दौरान टोल टैक्स माफ किया जाना चाहिए।
- अतिरिक्त लेन की व्यवस्था – टोल प्लाजा पर अस्थायी अतिरिक्त लेन जोड़ी जानी चाहिए।
- मॉनिटरिंग टीम की तैनाती – प्रशासन को विशेष निगरानी दल बनाकर यातायात की स्थिति को नियंत्रित करना चाहिए।
- फास्टैग प्रणाली की समीक्षा – फास्टैग स्कैनिंग में देरी होने के कारण जाम की स्थिति पैदा होती है, जिसे सरकार को सुलझाना चाहिए।
यात्रियों के अधिकार और शिकायत का तरीका
यदि कोई यात्री टोल प्लाजा पर अनुचित रूप से रोका जाता है या गलत तरीके से टोल वसूला जाता है, तो वह निम्नलिखित माध्यमों से शिकायत कर सकता है:
- NHAI हेल्पलाइन (1033) पर कॉल करें
- NHAI के ग्रिवांस पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें
- राज्य परिवहन विभाग को ईमेल या लिखित शिकायत भेजें
- जनता दर्शन पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करें
जिम्मेदार कौन
यह महत्वपूर्ण सवाल है कि यदि सरकार ने स्पष्ट नियम बनाए हैं, तो उनका पालन क्यों नहीं हो रहा? टोल ऑपरेटरों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए और प्रशासन को चाहिए कि वह नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से ले। यदि तीन मिनट से अधिक प्रतीक्षा करने वाले वाहनों के लिए टोल माफी का नियम है, तो इसका पालन सख्ती से किया जाना चाहिए। सरकार और संबंधित विभागों को इस मुद्दे पर त्वरित ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में यात्रियों को इस प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े। टोल प्लाजा पर नियमों का उल्लंघन किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और नागरिकों के अधिकारों का सम्मान होना चाहिए।