होटलों में गड़बड़ियों पर प्रशासन की नजर, सख्त कार्रवाई की मांग mang Aajtak24 News


होटलों में गड़बड़ियों पर प्रशासन की नजर, सख्त कार्रवाई की मांग mang Aajtak24 News 

रीवा - संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर के आदेश के बाद खाद्य विभाग और नापतौल विभाग ने होटलों और ढाबों में व्याप्त अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप कई गंभीर मुद्दे सामने आए हैं। हालांकि, जांच प्रक्रिया में सेवा शुल्क की वसूली की चर्चा भी जोरों पर है, जिससे प्रशासन की छवि पर सवाल उठ रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशों के अनुसार, गलत कार्यों में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन वास्तविकता में ऐसा हो रहा है या नहीं, यह एक बड़ा सवाल बन चुका है।

नाबालिगों से काम कराने का मामला, श्रम विभाग बना मूकदर्शक

शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में होटलों और दुकानों में नाबालिग बच्चों से अवैध रूप से काम कराया जा रहा है, जो बाल श्रम कानून का उल्लंघन है। इसके बावजूद श्रम विभाग की निष्क्रियता चिंताजनक है। प्रशासन की कार्रवाई केवल औपचारिकता बनकर रह गई है, जिससे बाल श्रम को खुला संरक्षण मिल रहा है।

हाईवे पर अवैध वसूली और मनमानी कीमतें वसूली जा रही

राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित ढाबों और होटलों में ग्राहकों से एमआरपी से अधिक कीमतों पर उत्पाद बेचे जा रहे हैं। जांच में सामने आया है कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता भी संदेहास्पद है। प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) से लाया गया घटिया दही और निम्न गुणवत्ता वाले रसगुल्ले खुलेआम बेचे जा रहे हैं। यह ग्राहकों के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण है।

लाखों की कमाई, लेकिन कर चोरी के आरोप

कई होटल और ढाबे प्रतिदिन लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं, लेकिन अपनी वास्तविक आय छुपा रहे हैं। वाणिज्य कर विभाग को इन होटलों के वित्तीय विवरण की जांच करके टैक्स चोरी पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि सरकारी राजस्व की क्षति रोकी जा सके।

खाद्य सुरक्षा पर बड़ा सवाल: मिलावटी अरहर दाल की बिक्री

होटलों में मिलावटी अरहर दाल परोसे जाने की खबरें स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का कारण बन रही हैं। सस्ते, मिलावटी दालों का उपयोग करके ग्राहकों को घटिया गुणवत्ता का भोजन परोसा जा रहा है, जिससे लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

प्रशासन को चाहिए सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई

इन तमाम अनियमितताओं के बीच यह सवाल उठता है कि क्या जिला कलेक्टर और संबंधित अधिकारी दोषी विभागों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेंगे? क्या सिर्फ आदेशों से स्थिति सुधरेगी, या फिर जमीनी स्तर पर कड़ी कार्रवाई होगी। प्रशासन को चाहिए कि वह सभी संबंधित विभागों की गोपनीय जांच करे और सुनिश्चित करे कि कोई भी दोषी बचने न पाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कार्रवाई केवल छोटे या बड़े व्यापारियों के बीच भेदभाव के बिना हो। यदि संबंधित विभाग समय रहते सक्रिय होते, तो इन अनियमितताओं पर पहले ही काबू पाया जा सकता था। अब यह देखना है कि श्रम विभाग और वाणिज्य कर विभाग किस तेजी से कार्रवाई करते हैं और जिला प्रशासन इन समस्याओं का समाधान कैसे करता है।




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