जिले में नशे का कारोबार बेकाबू, युवा और नाबालिग बन रहे शिकार sikar Aajtak24 News

 

जिले में नशे का कारोबार बेकाबू, युवा और नाबालिग बन रहे शिकार sikar Aajtak24 News 

रीवा - मध्य प्रदेश: जिले में नशे का अवैध कारोबार बेलगाम होता जा रहा है, और इसका सबसे बुरा असर जिले के युवाओं और नाबालिगों पर पड़ रहा है। नशीली सिरप और टैबलेट्स जैसे पदार्थों की बढ़ती खपत के कारण युवा चोरी, लूटपाट, और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। नशीली सिरप की कीमत 300 रुपये प्रति सीसी तक जा पहुंची है, जिससे प्रतिदिन इन पर हजारों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के रीवा जिले की सीमा उत्तर प्रदेश से सटी होने के कारण यहां नशे की सामग्री आसानी से पहुंच रही है। कटरा, घुमा, लौरी गढ़, लालगांव जैसे स्थान नशे के थोक व्यापार के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं, जहां से यह सामग्री आसपास के गांवों में भी पहुंचाई जा रही है। इन गांवों में नशेड़ियों की भीड़ देखी जा सकती है, और नशे की हालत में वाहन चलाने से दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। नशे की गिरफ्त में फंसे इन युवाओं के कारण कई परिवारों का जीवन मुश्किल हो गया है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधिकारियों को मिलकर विशेष टीम गठित करने का प्रस्ताव है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस बल की कमी का लाभ उठाकर नशा माफिया अपना अवैध कारोबार तेजी से फैला रहे हैं। स्थानीय खुफिया तंत्र से सूचना एकत्रित कर इन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वक्त आ गया है। रीवा के वरिष्ठ अधिकारियों और उपमुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा कर इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ताबड़तोड़ कार्यवाहियां की जा रही हैं, लेकिन नशा माफिया के प्रभाव में अब तक कोई ठोस गिरावट नहीं आई है। समाज में बढ़ते अपराध और परिवारों की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए जरूरी है कि नशे के इस कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन तुरंत और सख्त कदम उठाए। एकजुट प्रयासों से ही रीवा जिले को इस घातक समस्या से बाहर निकाला जा सकता है, ताकि यहां का भविष्य और युवा पीढ़ी सुरक्षित रह सके।



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