रीवा में पत्रकारिता को बदनाम कर रहे वसूली गैंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग mang Aajtak24 News |
रीवा - जिले में पत्रकारिता की छवि इन दिनों गंभीर संकट का सामना कर रही है। सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल्स के पत्रकारों की बाढ़ ने न केवल पत्रकारिता के पेशे को बदनाम किया है, बल्कि कुछ पत्रकार वसूली के मामले में भी शामिल हो गए हैं। हाल ही में एक घटना सामने आई है, जिसमें पत्रकारों ने एक ट्रक चालक से 50,000 रुपये की मांग की थी, और जब चालक ने ₹30,000 देने की बात की, तो उन्हें धमकाया गया। मामला चोरहटा थाना में दर्ज किया गया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस घटना के बाद यह सवाल उठता है कि पत्रकारिता का नाम लेकर समाज में भय और असमंजस फैलाने वाले इन वसूली गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी। इन पत्रकारों का धौंस जमाने और डर दिखाकर पैसे वसूलने का सिलसिला इतना बढ़ चुका है कि रीवा जिले के अस्पतालों, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और ग्राम पंचायतों तक में इनका आतंक फैल चुका है। स्थानीय अधिकारियों और प्रशासन की चुप्पी इस समस्या को और बढ़ावा दे रही है, जिसके कारण पत्रकारिता की विश्वसनीयता और सम्मान पर सवाल खड़ा हो गया है। पत्रकारिता को समाज का चौथा स्तंभ माना जाता है, लेकिन इस तरह की घटनाओं से न केवल पत्रकारों की छवि खराब हो रही है, बल्कि यह पूरी पत्रकारिता को संदिग्ध बना रही है। यह वसूली गिरोह पत्रकारिता के नाम पर अवैध गतिविधियाँ कर रहे हैं, जो पत्रकारिता के मूल उद्देश्य के खिलाफ हैं जो कि समाज में सत्य और निष्पक्षता की आवाज़ बनना है। इस मामले में रीवा जिले के वरिष्ठ पत्रकारों और समाज के अन्य जिम्मेदार लोगों को एकजुट होकर इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। प्रशासन से यह मांग की जानी चाहिए कि ऐसे पत्रकारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि पत्रकारिता की साख बचाई जा सके। साथ ही, एक टीम गठित करके उन पत्रकारों की पहचान की जानी चाहिए जो इस तरह के अनैतिक और अवैध कार्यों में शामिल हैं। यह जरूरी है कि पत्रकारों का एक बड़ा हिस्सा इस भ्रष्टाचार और वसूली की घटनाओं का विरोध करें और केवल सच्चाई की आवाज बनकर अपनी जिम्मेदारी निभाए। जब पत्रकारों के खिलाफ ऐसा व्यवहार हो, तो इसका असर समाज पर भी पड़ता है और इससे आम जनता की विश्वास प्रणाली में कमी आती है। इसलिए, रीवा जिले और समूचे संभाग में पत्रकारिता की छवि को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि जो पत्रकार सचमुच समाज के हित में काम कर रहे हैं, उनकी मेहनत और ईमानदारी को सम्मान मिल सके।