कोरिया - बैकुंठपुर जनपद पंचायत के विकास विस्तार अधिकारी, सुश्री रितु अग्रवाल और ग्राम पंचायत महोरा के सरपंच पति श्री मुकेश कुमार सिंह ने गांव के ही 60-62 वर्षीय श्री रामखिलावन की आकस्मिक मृत्यु और उनके बच्चों के लालन-पालन के बारे में प्रशासन को सूचित किया।
श्री रामखिलावन पिछले कुछ महीनों से कमर और पैर में दर्द से परेशान थे और उनका इलाज चल रहा था। इनकी एक पुत्री की मृत्यु भी हो चुकी थी और पत्नी ने इन्हें छोड़कर किसी अन्य व्यक्ति से विवाह कर लिया था। परिवार में अब केवल 14 वर्षीय बेटा था, जो पिता की देखभाल करता था। श्री रामखिलावन को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पक्का आवास भी मिल चुका था और वे अपने बेटे के साथ वहां रहते थे।
ग्राम पंचायत महोरा के सरपंच श्री मुकेश सिंह के मुताबिक, श्री रामखिलावन के स्वास्थ्य के खराब होने की जानकारी मिलने पर, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण और श्रम विभाग द्वारा आयोजित शिविर में उनकी जांच की गई थी। चिकित्सकों ने रायपुर में इलाज की सिफारिश की थी और समाज कल्याण विभाग ने उन्हें ट्रायसकिल देने की योजना बनाई थी, ताकि वे उठ-बैठ सकें।
हालांकि, 5 अक्टूबर को श्री रामखिलावन की मृत्यु हो गई, जिसकी जानकारी उनके बच्चों ने सुबह 9 बजे दी। उनकी मृत्यु के बाद ग्राम सरपंच के नेतृत्व में दाह संस्कार किया गया और श्रद्धांजलि योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इसके अलावा, प्रशासन ने निर्णय लिया कि उनके तीनों बच्चों को बालगृह में भेजा जाएगा और एक अन्य बच्चे को आश्रम में रखा जाएगा।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री आशीष गुप्ता, बाल कल्याण अधिकारी श्री सुनील शर्मा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग की श्रीमती उषा लकड़ा, और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने मृतक के घर जाकर बच्चों के भविष्य को लेकर आश्वस्त किया।
कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने बच्चों से मुलाकात की और उन्हें ढाँढस बंधाया। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों की उचित देखभाल की जाए और उनकी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। वर्तमान में बच्चों को बालगृह में भेज दिया गया है, जहां उन्हें मानसिक और शारीरिक सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
इस पूरे मामले में प्रशासन ने त्वरित और संवेदनशील कदम उठाए, जिससे बच्चों को उचित देखभाल और संरक्षण मिल सके।