मुरैना - मुरैना जिले में गिरते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने स्थानीय होटल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. पदमेश उपाध्याय ने पीएनडीटी एक्ट के तहत जुड़े पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें इस बात पर गहन विचार करने की आवश्यकता है कि जिले में बेटियों की संख्या घट क्यों रही है।
कार्यशाला में सिविल सर्जन डॉ. आनंद बंसल, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल सबलगढ़, अम्बाह और अन्य चिकित्सकों के साथ-साथ जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और कई स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि भारत में शिशु लिंग अनुपात (0-6 आयु वर्ग में प्रति 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या) में तेजी से गिरावट आई है। यह असंतुलन लिंग चयन, पुत्र को प्राथमिकता, और समाज में लड़कियों के प्रति भेदभाव के कारण होता है। उन्होंने जोर दिया कि यह मुद्दा सभी सामाजिक-आर्थिक वर्गों में व्याप्त है, और अधिक समृद्ध राज्यों और जिलों में भी यह गिरावट गंभीर है।
कार्यशाला में लिंग चयन के खिलाफ कानून और गर्भपात के अधिकार पर भी चर्चा की गई। प्रतिभागियों को पीएनडीटी एक्ट की जानकारी दी गई, जो गैर-चिकित्सीय कारणों से लिंग निर्धारण को रोकता है।