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अवैध नशे के थोक व्यापारियों तक कब पहुंचेंगे कानून के लंबे हाथ hath Aajtak24 News |
रीवा - जिले में पिछले 15 वर्षों से मेडिकल नशे का अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है, जिससे न केवल युवाओं की ज़िंदगियाँ तबाह हो रही हैं, बल्कि यह अपराधों का भी मुख्य कारण बन गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में फैले इस नशे के कारोबार पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन नशा माफिया भी इसे लगातार फैलाते जा रहे हैं। रीवा और मऊगंज जिलों में बड़े पैमाने पर अवैध नशे की खपत हो रही है, जिसमें नशीली कफ सिरप और गोलियाँ प्रमुख रूप से बिक रही हैं। कई बार पुलिस ने ऐसे ठिकानों पर छापेमारी की है, जहाँ से सैकड़ों पेटियाँ नशीली कफ सिरप और गोलियाँ बरामद हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, इस अवैध कारोबार में कुछ बड़े व्यापारियों का हाथ भी शामिल है, जो भारी मात्रा में नशे का स्टॉक रखते हैं और इसे फुटकर विक्रेताओं को बेचते हैं। पुलिस के अनुसार, इस अवैध कारोबार में उत्तर प्रदेश की तरफ से खेप लाने की बात कही जाती है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस अवैध नशे का मुख्य आपूर्तिकर्ता कौन है।
बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार का अवसर
अवैध नशे के कारोबार में अब बेरोजगार युवाओं को रोजगार का अवसर नजर आने लगा है। रीवा और मऊगंज जिलों में इस धंधे में मुनाफा देखकर कई युवा इसमें शामिल हो रहे हैं। एक फुटकर विक्रेता का कहना है कि इस कारोबार में अच्छा मुनाफा है। एमआरपी से ₹100 अधिक कीमत पर नशीली दवाइयाँ बेचकर वे हजारों रुपये कमाते हैं। उन्हें नशेड़ियों से फोन पर या नकदी में भुगतान प्राप्त होता है, और इस कारोबार में उधारी भी नहीं चलती, जिससे इन युवाओं के लिए यह एक आकर्षक धंधा बन गया है।
फील्ड वर्क और पुलिस का संरक्षण
अवैध नशे के कारोबार में मुख्य कारोबारी अक्सर फुटकर विक्रेताओं को संरक्षण देते हैं। जब पुलिस कार्रवाई करती है, तो इन मुख्य व्यापारियों द्वारा उनके परिवार और न्यायालय अधिवक्ताओं के खर्च का ध्यान रखा जाता है, जिससे फुटकर विक्रेताओं को इस धंधे में नुकसान होने का डर नहीं होता। इस कारण कई बेरोजगार युवा इस अवैध कारोबार में शामिल हो रहे हैं।
कानूनी कदमों की आवश्यकता
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी इस गंभीर समस्या को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने अवैध नशे के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सिर्फ फुटकर विक्रेताओं पर कार्रवाई से इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता। पुलिस को नशे के मुख्य आपूर्तिकर्ताओं और व्यापारियों तक पहुंचने की आवश्यकता है, ताकि इस अवैध कारोबार को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। इसके साथ ही, नशीली दवाइयाँ बनाने वालों और इसके थोक व्यापारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। अंततः, इस अवैध कारोबार पर काबू पाने के लिए पुलिस को ठोस कदम उठाने होंगे और इसकी जड़ तक पहुंचने के लिए रणनीति तैयार करनी होगी।