राजनांदगांव - जिले में ग्रीष्मकालीन धान की खेती के स्थान पर अन्य फसलों की खेती न करने पर किसानों से आर्थिक दण्ड वसूलने संबंधी भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर फैल रही है। जिला प्रशासन ने इस जानकारी को पूरी तरह निराधार और असत्य बताया है। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि प्रशासन की ओर से ऐसे कोई निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। यदि कोई इस प्रकार की अफवाह फैलाते हुए पाया गया, तो उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने बताया कि जिले के कई किसानों ने आर्थिक रूप से लाभकारी फसलों की खेती में रुचि दिखाई है। जिला प्रशासन ने किसानों को मक्का, दलहन, तिलहन, सब्जी, और अन्य लाभकारी फसलों के बारे में वैज्ञानिक जानकारी और तकनीकी सलाह प्रदान करने के निर्देश कृषि विभाग, उद्यानिकी, और कृषि विज्ञान केंद्र को दिए हैं। इन विभागों को निर्देशित किया गया है कि वे सक्रिय समन्वय के साथ किसानों को नई फसलों के लाभों से अवगत कराएं।
कृषकों के मध्य खेती के नए विकल्पों के प्रति जागरूकता
प्रशासन की ओर से ग्राम और पंचायत स्तर पर बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें किसानों को मक्का, गेहूं, रागी, दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती के आर्थिक लाभ और वैज्ञानिक तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन बैठकों के जरिए किसानों को नई फसलें अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि कृषि के विविधीकरण से किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सकती है, और जलवायु के अनुकूल फसलें अपनाकर वे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं।