महतारी वंदन योजना से 90 वर्षीय मेंघनी बाई को मिली राहत, आत्मनिर्भरता का संबल 90 year old Menghni Bai gets relief from Mahtari Vandan Yojana, strength for self-reliance

महतारी वंदन योजना से 90 वर्षीय मेंघनी बाई को मिली राहत, आत्मनिर्भरता का संबल 90 year old Menghni Bai gets relief from Mahtari Vandan Yojana, strength for self-reliance



कोरबा  – छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना के तहत 90 वर्षीय वृद्धा मेंघनी बाई को हर महीने एक हजार रुपए की सहायता राशि मिल रही है, जिससे उनके जीवन में आशा और आत्मनिर्भरता का संचार हुआ है। करतला विकासखंड के ग्राम कोथारी की निवासी मेंघनी बाई अपने खेतों में तिल उगाने का काम करती हैं और अब इस सरकारी सहायता से वे घर की कई आवश्यकताओं को सहजता से पूरा कर पा रही हैं।

हर दिन की शुरुआत मेंघनी बाई के लिए खेत के मेढ़ पर लगाए गए तिल के पौधों की देखभाल से होती है। उन्होंने तिल के पौधों को काटकर बीज एकत्र करने का काम भी स्वयं किया, जिससे लड्डू बनाकर खाना संभव होता है। पहले, थोड़े-बहुत तिल बेचकर जो पैसे मिलते, वे घर की जरूरतों के लिए काम आते थे। अब इस योजना के तहत मिलने वाली एक हजार रुपए की राशि ने उन्हें इस कठिनाई से काफी हद तक मुक्त कर दिया है।

वृद्धा मेंघनी बाई ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कठिन मेहनत और सीमित संसाधनों में परिवार को पालने के दिनों को भली-भांति देखा है। पहले सौ रुपए जोड़ना भी मुश्किल होता था, लेकिन अब इस सरकारी सहायता से वे हर महीने जरूरी सामान खरीदने में समर्थ हो गई हैं। अपने जीवन की इस अवस्था में, जहां वे अपनी दिव्यांग बेटी के साथ अकेली रह रही हैं, यह सहायता उनके लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बन गई है।

उन्होंने कहा, "इस उम्र में अब ज्यादा काम नहीं कर पाती, लेकिन इस एक हजार रुपए से कई छोटी-छोटी जरूरतें पूरी हो जाती हैं। राशन कार्ड पर हमें खाद्यान्न तो मिल ही जाता है, लेकिन अन्य खर्चों के लिए यह राशि हमारे लिए बहुत काम आती है।" उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वृद्ध महिलाओं के लिए हर महीने मिलने वाली राशि को एक "बड़ी राहत" करार दिया।

मेंघनी बाई का कहना है कि यह योजना न केवल उनके लिए बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए जीवन का संबल बन चुकी है जो अपनी बढ़ती उम्र के कारण रोजी-रोटी के संघर्ष में कठिनाई महसूस करती हैं।

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