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सांसद रूपकुमारी चौधरी ने कहा: 'धान के बजाय दलहन-तिलहन फसलों की ओर बढ़ें किसान' MP Roopkumari Chaudhary said: 'Farmers should move towards pulses and oilseed crops instead of paddy' |
धमतरी - जल एवं पर्यावरण संरक्षण के दिशा में कदम बढ़ाते हुए, धमतरी जिले में ''उन्हारी कार्यक्रम'' का आयोजन कृषि उपज मंडी कुरूद में किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य फसल चक्र परिवर्तन के माध्यम से जल संचयन को बढ़ावा देना है।
सांसद महासमुंद, श्रीमती रूपकुमारी चौधरी ने कार्यक्रम के दौरान भूजल स्तर में गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा, "धान उत्पादन के लिए अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है। हमें अन्य फसलों की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने के लिए नई तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया है।
कुरूद विधायक श्री अजय चंद्राकर ने कहा कि जल संरक्षण के लिए जनभागीदारी बेहद आवश्यक है। "हमारे प्रशासन ने पहले ही बिजली और पानी की व्यवस्था सुधार ली है। अब किसान दलहन-तिलहन और नकदी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं," उन्होंने जोड़ा।
कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने किसानों को दलहन, तिलहन और नगदी फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बीज निगम के माध्यम से फसलों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम में प्रभारी उप संचालक कृषि श्री मनोज सागर ने जल संरक्षण के लिए फसल चक्र परिवर्तन के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि जिले के लगभग 200 किसानों ने दलहन-तिलहन फसलों के लिए पंजीकरण कराया है।
प्रगतिशील किसानों ने जैविक खेती की पद्धतियों पर जोर दिया और राजस्थान के कृषि वैज्ञानिक श्री सुभाष पालेकर की विधियों को अपनाने की बात कही।
इस कार्यक्रम से जल संरक्षण के साथ-साथ किसानों की आय में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।