राजनांदगांव - इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, राजनांदगांव में कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, जोनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर अटारी जबलपुर डॉ. एसआर के सिंह, और निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एसएस टूटेजा के निर्देशानुसार, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गुंजन झा के मार्गदर्शन में तिलहन फसलों की उन्नत किस्मों और उन्नत फसल उत्पादन तकनीकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सामूहिक अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन एवं आदर्श तिलहन ग्राम परियोजना के तहत 300 एकड़ क्षेत्र में सोयाबीन फसल प्रदर्शन आयोजित किया गया है।
यह प्रदर्शन राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम खपरीकला और खैरागढ़ विकासखंड (जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई) के ग्राम मदराकुही में लगाया गया है। इस फसल प्रदर्शन के निरीक्षण और अवलोकन हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (अटारी, जबलपुर) द्वारा एक चार सदस्यीय निरीक्षण दल गठित किया गया था। इसमें डॉ. डीपी पटेल, डॉ. मनोज चंद्राकर, डॉ. द्विवेदी प्रसाद (इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर) और डॉ. रंजीत सिंह (अटारी, जबलपुर) शामिल थे।
निरीक्षण दल ने 5 अक्टूबर को ग्राम मदराकुही और ग्राम खपरीकला में सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया। इस अवसर पर ग्राम मदराकुही में सोयाबीन फसल प्रक्षेत्र दिवस भी मनाया गया। वैज्ञानिकों ने कृषकों की विभिन्न समस्याओं को समझते हुए उन्हें तिलहन फसलों की नई किस्मों, उन्नत कृषि तकनीकों, और यंत्रीकरण को अपनाने की सलाह दी, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। इसके अलावा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मदराकुही परिसर में "पेड़ मां के नाम" अभियान के अंतर्गत आम की केसर किस्म के पौधों का वृक्षारोपण भी किया गया।
निरीक्षण दल ने कृषकों के प्रक्षेत्र में सोयाबीन फसल प्रदर्शन की सराहना करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, राजनांदगांव के वैज्ञानिकों को बधाई दी। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुंजन झा, वैज्ञानिक डॉ. अतुल डांगे और प्रोजेक्ट नोडल अधिकारी डॉ. योगेन्द्र श्रीवास भी उपस्थित थे।